दिल्ली के मुखर्जी नगर में बत्रा सिनेमा के पास स्थित ज्ञान बिल्डिंग में आग लगने की सूचना मिलने के बाद दमकल की 11 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं. पुलिस और दमकलकर्मियों ने तुरंत राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया. आग एक कोचिंग सेंटर में लगी थी. छात्रों ने रस्सियों के सहारे कूदकर अपनी जान बचाई. इस प्रयास में 4 छात्रों के घायल होने की भी खबर है. हालांकि, चोट गंभीर नहीं है. कुछ ही देर में आग पर अब काबू पा लिया गया.
दिल्ली डीसीपी सुमन नलवा ने घटना के बारे में न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, ‘घायल कुछ छात्रों को नजदीकी अस्पताल भेजा गया. हालांकि, किसी तरह के गंभीर नुकसान या किसी के जीवन के लिए खतरा उत्पन्न नहीं हुआ. बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर बिजली के एक मीटर में आग लगी थी.
हालांकि, आग बड़ी नहीं थी, महज एक मीटर में फैल गई थी. लेकिन धुंआ उठने के बाद बच्चे घबड़ा गए और बिल्डिंग के पीछे के रास्ते से नीचे उतरने का प्रयास करने लगे. रस्सी के सहारे इमारत से नीचे उतरने में 4 छात्र घायल हुए. हालांकि आग से कोई व्यक्ति हताहत नहीं हुआ है. छात्रों को मामूली चोटें आई हैं.’
दिल्ली फायर डिपार्टमेंट के डायरेक्टर अतुल गर्ग ने बताया, ‘हमें मुखर्जी नगर में एक इमारत में आग लगने की सूचना मिली थी. हमने आग बुझाने के लिए 11 गाड़ियां भेजी थीं. सभी छात्रों को बचा लिया गया है. किसी छात्र को गंभीर चोट नहीं लगी है. स्थिति नियंत्रण में है. आग ज्यादा गंभीर नहीं थी.’ इमारत का फायर सेफ्टी ऑडिट भी कराया जाएगा, क्योंकि दिल्ली में कई निर्माण अग्नि सुरक्षा मानदंडों का पालन नहीं करते हैं. फायर सेफ्टी स्टैंडर्ड में ऐसे उपाय शामिल होते हैं जिनका उद्देश्य आग को फैसले से रोकना है और जिनका उपयोग आग के प्रभाव को सीमित करने के लिए किया जाता है.
फायर सेफ्टी स्टैंडर्स के तहत यह सलाह दी जाती है कि इमारतों में कम से कम अग्निशामक यंत्र और स्मोक अलार्म होना चाहिए. ऊंची इमारतों के लिए यह सलाह दी जाती है कि आगजनी के घटनाओं को ध्यान में रखकर पहले से ही एस्केप प्लान (बचाव का रास्ता, जैसे आपातकाली द्वार इत्यादि) तैयार रखें. लोगों को यह भी सलाह दी जाती है कि वे आग की लपटों और अन्य गर्म करने वाले उपकरणों के इस्तेमाल के दौरान सावधानी बरतें. अनियंत्रित लपटें, हीटिंग और खाना पकाने के उपकरण घरों में लगने वाली आग के प्राथमिक स्रोत हैं.