देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड में अंतिम पग पार करने के बाद 341 युवा अफसरों की टोली देश पर मर-मिटने की शपथ लेकर शनिवार भारतीय सेना का अभिन्न हिस्सा बन गई.
ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर परेड शुरू हुई. सेना के दक्षिण-पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग ले. जनरल आरपी सिंह ने बतौर रिव्यूइंग ऑफिसर परेड का निरीक्षण कर पास जेंटलमैन कैडेट्स से सलामी ली. कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस बार भी परेड सादगी से आयोजित हुई.
बारिश की वजह से आज शनिवार को पासिंग आउट परेड दो घंटे की देरी से शुरू हुई. डिप्टी कमांडेंट जगजीत सिंह ने परेड की सलामी ली. कमांडेंट हरिंदर सिंह ने परेड की सलामी ली. जिसके बाद ले. जनरल आरपी सिंह परेड स्थल पहुंचे और परेड की सलामी ली.
ले. जनरल सिंह ने कैडेटों को ओवरऑल बेस्ट परफॉर्मेंस व अन्य उत्कृष्ट सम्मान से नवाजा. मुकेश कुमार को स्वार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया. जबकि दीपक सिंह को स्वर्ण, मुकेश कुमार को रजत व लवनीत सिंह को कांस्य पदक मिला. दक्ष कुमार पंत ने सिल्वर मेडल (टीजी) हासिल किया. किन्ले नोरबू सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट चुने गए. चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ बैनर डोगराई कंपनी को मिला.
पिछली बार की तरह इस बार भी कैडेट्स के परिजन पासिंग आउट परेड नहीं देख पाए. परेड के उपरांत आयोजित पीपिंग व ओथ सेरेमनी के बाद 425 जेंटलमैन कैडेट्स बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना का अभिन्न अंग बन गए. इनमें 341 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थलसेना को मिले.
जबकि, 84 युवा सैन्य अधिकारी नौ मित्र देशों अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, भूटान, मॉरीशस, श्रीलंका, वियतनाम, टोंगा, मालदीव और किर्गिस्तान की सेना का अभिन्न अंग बने. इसके बाद देहरादून स्थित प्रतिष्ठित भारतीय सैन्य अकादमी के नाम देश-विदेश की सेना को 62 हजार 987 युवा सैन्य अधिकारी देने का गौरव जुड़ गया है. इनमें मित्र देशों को मिले 2587 सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं.