ओसामा बिन लादेन आतंकी था या शहीद! इमरान खान के मंत्री ने दिया ये जवाब

इस्लामाबाद|…. दुनिया के नंबर-एक आतंकी के रूप में शुमार ओसामा बिन लादेन की मौत को 10 साल से ज्यादा गुजर चुके हैं. इसके बावजूद लादेन आज भी पाकिस्तान के लिए असमंजस का विषय बना हुआ है. कभी वह लादेन को ‘शहीद’ कहकर पुकारता है तो कभी उसे ‘आतंकी’ बुलाता है.

अफगानिस्तान के न्यूज चैनल टोलो न्यूज के पत्रकार लोतफुल्ला नजफिजादा ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का इंटरव्यू लिया. इस इंटरव्यू में पत्रकार ने कुरैशी से पूछा कि वे ओसामा बिन लादेन को शहीद मानते हैं या आतंकी? इस सवाल ने तो कुरैशी के होश उड़ा दिए. वो कुछ देर चुप रहे. फिर कहा-‘मैं इस सवाल को छोड़ता हूं.’

कुरैशी का ये जवाब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने लादेन को शहीद बताया था. इमरान खान ने पाकिस्तान की संसद में ओसामा को शहीद बताते हुए पाकिस्तान की कुर्बानियों का रोना रोया था. इमरान का यही बयान पाक विदेश मंत्री के गले की हड्डी बन गया.

50 मिनट के लंबे इंटरव्यू में कुरैशी तालिबान का बचाव करते भी दिखे. कुरैशी ने कहा, ‘तालिबान शांति के लिए तैयार है और उन्हें भी नुकसान हुआ है.’ पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा, ‘अगर आप यह धारणा बनाते हैं कि तालिबान की वजह से हिंसा अधिक हो रही है तो यह एक अतिशयोक्ति होगी.’बता दें कि पाकिस्तान तालिबान के साथ शांति प्रक्रिया के हिस्से के रूप में बातचीत कर रहा है. तालिबान के विभिन्न वर्गों के नाम पाकिस्तानी शहरों जैसे क्वेटा शूरा, पेशावर शूरा के नाम पर रखे गए हैं.

रिपोर्टर ने कुरैशी से लश्कर-ए-तैयबा और जैश मोहम्मद पर भी सवाल दागे. इस पर कुरैशी ने दावा कि पाकिस्तान किसी आतंकवादी समूह का समर्थन नहीं करता. पत्रकार नजफिजादा ने तंज कसते हुए कहा, ‘हो सकता है कि आप उन्हें आतंकवादी ही नहीं मानते हों.’ बता दें कि पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा नई दिल्ली और काबुल दोनों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाया है.

इससे पहले 2020 में इमरान खान ने 9/11 के मास्टरमाइंड और ग्लोबल टेररिस्ट ओसामा बिन लादेन को शहीद बताया था. खान ने अमेरिका पर इस्लामाबाद को सूचित किए बिना पाकिस्तान के भीतर ओसामा बिन लादेन को मारने का आरोप भी लगाया था.

अफगानिस्तान को लेकर पाकिस्तान की नीति में बदलाव के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कुरैशी ने कहा: “हम चाहते हैं कि अफगानिस्तान शांतिपूर्ण और स्थिर हो. क्योंकि हमें लगता है कि एक शांतिपूर्ण अफगानिस्तान, एक स्थिर अफगानिस्तान, हमें आवश्यक क्षेत्रीय संपर्क देता है.

हम आर्थिक सुरक्षा की तलाश में हैं और अगर निवेश और द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देना चाहते हैं, तो यह केवल शांति और स्थिरता के साथ ही आ सकता है… यह सिर्फ अफगानिस्तान की ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान की भी इच्छा है.”

साभार-न्यूज़ 18

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