गुरुवार शाम काबुल एयरपोर्ट पर हुए दो शक्तिशाली विस्फोटों के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) का हाथ है. ये बड़ा खुलासा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट के जरिए हुआ है.
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि आईएसआई की मदद के बगैर खुरासान इस तरह के धमाके नहीं कर सकता. इन हमलों में 13 अमेरिकी सैनिकों और कम से कम 60 अफगान नागरिकों की मौत हुई है. अफगानिस्तान से अमेरिकी लोगों की वापसी के अभियान की निगरानी कर रहे जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने कहा कि इन हमलों के बाद भी अमेरिका अपने नागरिकों एवं अन्य को अफगानिस्तान से निकालना जारी रखेगा.
इन हमलों पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने आतंकी गुटों को कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा, व्हाइट हाउस में में मीडिया के साथ बातचीत में कहा, ‘इस हमले को अंजाम देने वाले और अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की मंशा रखने वाले ध्यान रखें कि हम तुम्हें बख्शेंगे नहीं. हम यह भूलेंगे नहीं. हम तुम्हें पकड़कर इसकी सजा देंगे.
मैं अपने देश के हितों और लोगों की रक्षा करूंगा……’ बाइडन ने कहा, ‘जैसा कि आप सभी जानते हैं, जिन आतंकवादी हमलों के बारे में हम बात कर रहे थे और जिनके बारे में खुफिया तंत्र चिंतित था, उसे आईएसआईएस-के नामक संगठन ने अंजाम दिया.
उन्होंने हवाईअड्डे पर तैनात अमेरिकी सेवा के सदस्यों की जान ली और कई को गंभीर रूप से घायल भी कर दिया. उन्होंने कई असैन्य लोगों की भी जान ली और कई को घायल भी किया.’
साभार -टाइम्स नाउ