3 कृषि कानूनों को केंद्र सरकार द्वारा वापस लिए जाने के बाद AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी केंद्र सरकार पर हमलावर हो गए हैं और उम्मीद जताने लगे हैं कि केंद्र सरकार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को वापस लेने के लिए वाध्य होना पड़ेगा। ओवैसी ने कहा कि जब जनता विरोध के लिए सड़क पर उतर जाती है तो केंद्र सरकार उससे डरती है।
कृषि कानून वापस लिए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ओवैसी ने कहा, “यह सरकार डरती है जब जनता सडक पर निकलकर विरोध करती है, पहले सीएए-एनआरसी का प्रोटेस्ट और दूसरा किसानों का आंदोलन यह बताता है।
इनको आने वाले विधानसभा चुनावों में अपनी हार नजर आ गई है और अपने आप तथा पार्टी को बचाने के लिए उन्होने यह फैसला किया है। वो दिन दूर नहीं है जब मोदी सरकार CAA कानून को भी वापस लेगी। ये सब गैरसंवैधानिक कानून हैं।”
ओवैसी ने आगे कहा, “बड़ा प्रचार भाजपा ने किया था कि एक देश के लिए एक चुनाव होना चाहिए, यह भी गलत है, मोदी सरकार वो बड़े बड़े उद्योगपतियों का इस्तेमाल कर रही थी बैसाखी बनाकर, इनको आने वाले विधानसभा चुनावों में अपनी हार नजर आ गई है।”
तीन कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने के लिए केंद्र सरकार के फैसले की घोषणा के बाद दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों के पास किसानों के प्रदर्शन स्थलों पर कई लोगों ने शुक्रवार को सुबह मिठाइयां बांटी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन कानूनों को निरस्त करने की घोषणा गुरु नानक जयंती के अवसर पर की है।
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को घोषणा की कि सरकार ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला किया है और उन्होंने प्रदर्शनकारी किसानों से घर लौटने की भी अपील की। किसान इन कानूनों के खिलाफ पिछले करीब एक साल से प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन कानूनों को निरस्त करने की संवैधानिक प्रक्रिया संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए सच्चे मन से और पवित्र हृदय से कहना चाहता हूं कि शायद हमारी तपस्या में ही कोई कमी रही होगी, जिसके कारण दिये के प्रकाश जैसा सत्य कुछ किसान भाइयों को हम समझा नहीं पाए हैं।’’