लखनऊ| तीन कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि सरकार को नागरिकता संशोधन विधेयक (CAA) को भी वापस लेना चाहिए.
उन्होंने कहा कि सरकार एनपीआर और एनआरसी पर यदि कानून बनाई तो वह उत्तर प्रदेश में शाहीन बाग खड़ा कर देंगे. एआईएमआईएम के नेता ने कहा कि सरकार ने धर्म के आधार पर सीएए कानून बनाया है जो कि संविधान के खिलाफ है.
बाराबंकी में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है. हमारी मांग है कि इसी तरह से सीएए कानून को भी वापस लिया जाए. ओवैसी ने कहा कि धर्म के आधार पर सीएए कानून को बनाया गया है जो कि संविधान के खिलाफ है.
संविधान धर्म के आधार पर कानून बनाने की इजाजत नहीं देता. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, ‘सरकार एनपीआर और एनआरसी पर यदि कानून बनाएगी तो वह यूपी में दूसरा शाहीन बाग खड़ा कर देंगे.’
बता दें कि दिल्ली का शाहीन बाग सीएए विरोध के एक प्रमुख स्थल के रूप में उभरा था. यहां सीएए के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं ने कई महीनों तक विरोध-प्रदर्शन किया. यहां प्रदर्शन कोरोना संकट की वजह से लगे लॉकडाउन के बाद खत्म हुआ.
रैली में ओवैसी ने पीएम मोदी पर भी हमला किया. उन्होंने पीएम को देश का सबसे बड़ा ‘नौटंकीबाज’ बताया. ओवैसी ने कहा कि ‘वह गलती से राजनीति में आ गए. वह राजनीति में नहीं आए तो फिल्म उद्योग के लोगों का क्या होता. सभी अवार्ड मोदी को चले गए होते.’
रामपुर में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मेरी तपस्या में कमी रह गई, उससे साफ तौर से जाहिर हो रहा है कि आखिर हमारे देश के प्रधानमंत्री कितने बड़े ऐक्टिंगबाज हैं.’
ओवैसी ने कहा, ‘आंदोलन में 750 किसान मर गये फिर भी अपनी जमीन नहीं छोड़ी और डटे रहे, तपस्या उसे कहते हैं और आप (मोदी) कहते हैं कि मेरी तपस्या में कोई कमी रह गई. अरे मोदी जी अपने आप को हीरो बनाने में आप कभी कोई कसर नहीं छोड़ते हैं.’
ओवैसी की पार्टी यूपी चुनाव लड़ रही है. इस बार वह 100 सीटों पर अपना उम्मीदवार खड़ा करने की तैयारी में है. एआईएमआईएम की अन्य छोटे दलों के साथ गठबंधन की बातचीत भी चल रही है. यूपी में इस बार अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं.
राज्य में इस बार मुख्य मुकाबला भाजपा, सपा, कांग्रेस, बसपा के बीच है. आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम इस चुनावी मुकाबले को दिलचस्प बना रही हैं. भाजपा इस बार भी 2017 के अपने प्रदर्शन को दोहराना चाहती हैं.