देहरादून| उत्तराखंड चुनाव से ऐन पहले कद्दावर नेता हरक सिंह रावत के मामले में कांग्रेस पार्टी के भीतर फूट नज़र आ रही है.
एक तरफ राज्य में कैंपेन कमेटी के प्रमुख हरीश रावत का खेमा है, जो हरक सिंह की पार्टी में वापसी का विरोध कर रहा है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस के मुख्यालय और राज्य कांग्रेस में ऐसा खेमा भी है, जो इसकी कोशिश में भी लगा है.
ताज़ा घटनाक्रम को लेकर हरीश रावत इशारे में कह चुके हैं कि हरक सिंह का कांग्रेस पार्टी स्वागत करेगी, लेकिन उन्हें पार्टी छोड़ने के अपने पिछले फ़ैसले का पश्चाताप और प्रायश्चित करने के लिए तैयार रहना पड़ेगा.
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का खेमा पूरी तरह से हरक सिंह रावत के खिलाफ दिख रहा है. खबरों की मानें तो हरीश रावत से जुड़े नेता बता रहे हैं कि उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व तक हरक सिंह को लेकर अपना नज़रिया पहुंचा दिया है.
सूत्रों के हवाले से एक खबर में कहा गया कि इस वक्त हरीश रावत इस मुद्दे पर एक हद के आगे कुछ भी कहने से परहेज़ कर रहे हैं और इसकी वजह यही बता रहे हैं कि उनके कंधों पर पार्टी को चुनाव जिताने की ज़िम्मेदारी है. हरीश रावत इस मुद्दे पर कह चुके हैं कि पार्टी के सामने किसी व्यक्ति को तवज्जो देना महत्वपूर्ण नहीं है.
क्या अब तक हरीश रावत नहीं दी माफी?
इस पूरे घटनाक्रम में यह चर्चा साफ तौर पर है कि हरीश रावत ने हरक सिंह को माफ नहीं किया है. दरअसल खुद हरीश रावत कई बार कह चुके हैं कि 2016 में जो लोग कांग्रेस की सरकार को गिराने के मकसद से पार्टी छोड़कर गए थे, उन्होंने संसदीय लोकतंत्र को कलंकित किया था.
उन्हें अपने किए की माफी मांगनी होगी. रावत के इस बयान के बाद कुछ महीने पहले हरक सिंह ने मीडिया को बयान देकर हरीश रावत को ‘बड़ा भाई’ कहा था और माफी मांगी थी.
फिर वही दो गुट, फिर वही तकरार!
सूत्रों के हवाले से आ रही खबरों की मानें तो इस बार भी प्रीतम सिंह गुट हरीश रावत गुट के सामने खड़ा हो गया है और हरक सिंह की वापसी का समर्थन कर रहा है.
नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और कांग्रेस के उत्तराखंड प्रभारी देवेंद्र यादव हरक सिंह का समर्थन देते हुए दबी ज़ुबान में कह रहे हैं कि हरीश रावत को अब माफी दे देनी चाहिए. वहीं, हरीश रावत कह चुके हैं कि पार्टी का सवाल हो, तो एक शख्स की अहमियत नहीं है और पार्टी इस पर आपसी सहमति से फैसला करेगी.
क्या कोई विधायक भी तोड़ेंगे हरक सिंह?
हरीश रावत के विरोध के बावजूद माना तो यही जा रहा है कि बहुत जल्द हरक की कांग्रेस में वापसी को लेकर कोई बड़ी खबर आ सकती है.
इस बीच चर्चा यह भी है कि क्या हरक अपने साथ भाजपा के किसी विधायक को भी तोड़ लाएंगे. हरक के करीबी कहे जाने वाले एक विधायक को दिल्ली में रविवार रात पहुंचते देखा जा चुका है, हालांकि बताते हैं कि एक केंद्रीय मंत्री के साथ मीटिंग के बाद वह विधायक देहरादून लौटे आए थे.
साभार-न्यूज 18