सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा, पाक लद्दाख में चीन के साथ चल रहे तनाव का फायदा उठाने की कोशिश में लगा

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नई दिल्ली| चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि पाकिस्तान चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चल रहे मौजूदा संकट का फायदा उठाने की कोशिश में है. उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा है कि भारत किसी भी “दुस्साहस” का जवाब देने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों को फौरी संकट से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए और साथ ही भविष्य के लिए भी तैयारी करनी चाहिए.

भारत के खिलाफ चीन और पाकिस्तान के मिलकर मोर्चा खोलने की आशंका जताते हुए कहा है कि जनरल रावत ने कहा, ‘हम अपनी सीमाओं के पार शांति चाहते हैं. काफी समय से हम चीन द्वारा कुछ आक्रामक कार्रवाई देख रहे हैं, लेकिन हम इन से निपटने में सक्षम हैं. हमारी तीनों सेनाएं सभी मोर्चे के साथ खतरों से निपटने में सक्षम हैं.’

जनरल रावत ने कहा,’भारत को उत्तरी और पश्चिमी मोर्चों पर समन्वित कार्रवाई का खतरा है जिसके बारे में रक्षा योजना के बारे में हमें विचार करना चाहिए. भारत चीन की आक्रामक हरकतों को देखता आ रहा है, पर हम इनसे समुचित ढंग से निपटने में सक्षम है. हमने उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर उभरते खतरों से निपटने की रणनीति की परिकल्पना कर ली है.

चीन की पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को आर्थिक सहायता और पाकिस्तान को सैन्य तथा कूटनीतिक सहायता जारी रखने के कारण हमारे लिए उच्च स्तर की तैयारी रखना आवश्यक हो गया है.’

जनरल रावत ने कहा कि पाकिस्तान छद्म युद्ध छेड़ रहा है, जम्मू-कश्मीर में परेशानी पैदा करने के लिए अपनी जमीन से आतंकवादियों की मदद कर रहा है और उन्हें सामान दे रहा है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान उत्तरी सीमाओं पर पैदा होने वाले किसी भी खतरे का फायदा उठा सकता है और हमारे लिए समस्या खड़ी कर सकता है.

पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा किपाकिस्तान अगर भारत के खिलाफ कोई दुस्साहस करने की कोशिश करता है तो भारी नुकसान उठाएगा, हमने इससे निपटने के लिए पर्याप्त सावधानियां बरती हैं.

पाकिस्तान को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा छेड़े गये छद्म युद्ध ने क्षेत्रीय एकीकरण के भारत के प्रयासों को बाधित किया है. सीडीएस रावत ने कहा कि भारत परमाणु से लेकर अर्द्ध-परंपरागत तक सर्वाधिक जटिल खतरों और चुनौतियों का सामना कर रहा है.

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