जयपुर| मंगलवार को अलवर गैंगरेप मामले में एक विशेष अदालत ने पांच दोषियों में से चार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जबकि पांचवें आरोपी को आटी एक्ट के तहत पांच साल की सजा सुनाई. गैंगरेप की यह घटना अप्रैल 2019 की है.
19 साल की दलित लड़की ने आरोप लगाया था कि उसके पति के सामने पांच आरोपियों ने उसके साथ रेप किया. दोषियों ने महिला से रेप का वीडियो भी बनाया था.
पुलिस में दर्ज शिकायत के मुताबिक अलवर थानागाजी राजमार्ग पर बाइक सवार पांच युवकों ने 26 अप्रैल को पति-पत्नी को अगवा किया और उन्हें वहां से रेतीली जगह पर ले गए. यहां पर आरोपियों ने महिला का उसके पति के सामने रेप किया.
यहीं नहीं आरोपियों ने महिला से दुष्कर्म का वीडियो बनाया और पति-पत्नी के पास मौजूद 2000 रुपए लूट लिए. शिकायत के अनुसार इस घटना के बाद आरोपियों ने 28 अप्रैल को 10 हजार रुपए की मांग की. उन्होंने कहा कि यदि उन्हें पैसे नहीं मिले तो वे इस वीडियो को सार्वजनिक कर देंगे.
महिला और उसके परिवार ने आरोप लगाया कि इस घटना की शिकायत उन्होंने पुलिस से 30 अप्रैल को की लेकिन पुलिस ने जानबूझकर सात दिनों तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की.
अलवर की गैंगरेप की इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस घटना को लेकर कांग्रेस की गहलोत सरकार पर निशाना साधा. भाजपा ने आरोप लगाया कि गहलोत सरकार इस मामले को रफा दफा करने में जुटी है.
पुलिस ने मामले में एफआईआर दो मई को दर्ज किया. आरोपियों की गिरफ्तारी से पहले पीड़िता का वीडियो सोशल मीडिया में आ गया. पीड़िता के भाई का कहना है कि जब वे वीडियो की शिकायत लेकर पुलिस के पास गए तो उनसे अलवर जाने के लिए कहा गया. मामले में पहली गिरफ्तारी सात मई को हुई.