यूपी विधानसभा सभा चुनाव में करारी हार के बाद मंगलवार को सुभासपा के अध्यक्ष ओ पी राजभर ने कहा कि पूर्वांचल की 122 सीटें ऐसी हैं जिन पर भाजपा कार्यालय में उम्मीदवारों का फैसला किया गया और बसपा कार्यालय में चुनाव चिन्ह दिए गए. मैं इसके लिए सबूत दे सकता हूं.
4 बार सत्ता में रहने वाली पार्टियों – चाहे वह बसपा हो या कांग्रेस – ने बीजेपी का समर्थन किया. उनका वोट कहां गया?हमने ‘विधानसभा युद्ध समीक्षा’ करने का फैसला किया है. उनकी रिपोर्ट के आधार पर जो हमारी कमियों की ओर इशारा करती है, हम उस पर काम करने की कोशिश करेंगे. दूसरे, ‘बसपा और बीजेपी का पुरुष हो गया, जो यूपी में बड़ा खेल हो गया.
ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि चुनावी संग्राम में जीत और हार लगी रहती है. लेकिन हमें खुद के बारे में आंकलन करना होगा. बीजेपी की जीत उसकी खुद की जीत नहीं है, बल्कि विपक्षी दलों के वोट का बिखराव है. यह बात सच है कि कहीं न कहीं हम बीजेपी की नीतियों के खिलाफ जनता को संतुष्ट करने में नाकाम रहे और उसका नतीजा सामने है. लेकिन कोई भी लड़ाई अंतिम नहीं होती है. चुनावी हार की पीड़ा से बाहर आकर हम अपने फैसलों पर पुनर्विचार करेंगे कि आखिर चूक कहां हुई.
यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी एक बार फिर प्रचंड जीत के साथ सरकार बनाने में कामयाब रही है. बीजेपी के खाते में कुल 255 सीटें और गठबंधन के खाते में 273 सीटें आईं हैं. चुनावी नतीजों के बाद पीएम ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि एक न एक दिन भारत की राजनीति से परिवारवादी राजनीति का सूर्यास्त होगा. यूपी की जीत इसलिए अहम है कि अब जनता को लगने लगा है कि एक ऐसी सरकार शासन सत्ता में जिसके केंद्रबिंदु में सिर्फ वो लोग हैं जिनके पास अब तक कुछ नहीं था.