नई दिल्ली| पहले से महंगे चल रहे प्याज की रिटेल कीमतों में आने वाले दिनों में और बढ़ोतरी की आशंका बढ़ गई है क्योंकि थोक बाजार में इसका भाव इस साल की ऊंचाई पर पहुंच गया है.
देश में प्याज के कारोबार के लिए सबसे बड़ी मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव में मंगलवार को प्याज का थोक भाव 7100 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया है जो दिसंबर 2019 के बाद सबसे अधिक कीमतें हैं. थोक बाजार में भाव बढ़ने की वजह से अब रिटेल में भी कीमतों में इजाफा होने की आशंका जताई जा रही है.
सरकार ने हालांकि प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी को भांपते हुए पहले ही निर्यात पर रोक लगा दी थी लेकिन हाल ही में सीमित मात्रा में कुछ प्याज की किस्मों के निर्यात को अनुमती दी है. हालांकि निर्यात होने वाले प्याज की मात्रा बहुत ही कम है.
देश में प्याज के उत्पादन की बात करें तो सरकार ने इस साल जून में जो अनुमान जारी किया था उसके मुताबिक फसल वर्ष 2019-20 के दौरान देश में 267.38 लाख टन प्याज का उत्पादन अनुमानित है जबकि 2018-19 के दौरान देश में 228.19 लाख टन प्याज पैदा हुआ था.
लेकिन ऐसी आशंका है हाल के दिनों में महाराष्ट्र दक्षिण भारत के राज्यों में प्याज की फसल को नुकसान पहुंचा है जिस वजह से आगे चलकर सप्लाई प्रभावित हो सकती है और इसी आशंका की वजह से दाम बढ़ रहे हैं.
पहले से महंगे चल रहे प्याज की रिटेल कीमतों में आने वाले दिनों में और बढ़ोतरी की आशंका बढ़ गई है क्योंकि थोक बाजार में इसका भाव इस साल की ऊंचाई पर पहुंच गया है.
देश में प्याज के कारोबार के लिए सबसे बड़ी मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव में मंगलवार को प्याज का थोक भाव 7100 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया है जो दिसंबर 2019 के बाद सबसे अधिक कीमतें हैं. थोक बाजार में भाव बढ़ने की वजह से अब रिटेल में भी कीमतों में इजाफा होने की आशंका जताई जा रही है.
सरकार ने हालांकि प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी को भांपते हुए पहले ही निर्यात पर रोक लगा दी थी लेकिन हाल ही में सीमित मात्रा में कुछ प्याज की किस्मों के निर्यात को अनुमती दी है. हालांकि निर्यात होने वाले प्याज की मात्रा बहुत ही कम है.
देश में प्याज के उत्पादन की बात करें तो सरकार ने इस साल जून में जो अनुमान जारी किया था उसके मुताबिक फसल वर्ष 2019-20 के दौरान देश में 267.38 लाख टन प्याज का उत्पादन अनुमानित है जबकि 2018-19 के दौरान देश में 228.19 लाख टन प्याज पैदा हुआ था.
लेकिन ऐसी आशंका है हाल के दिनों में महाराष्ट्र दक्षिण भारत के राज्यों में प्याज की फसल को नुकसान पहुंचा है जिस वजह से आगे चलकर सप्लाई प्रभावित हो सकती है और इसी आशंका की वजह से दाम बढ़ रहे हैं.