नैनीताल| एक ओर जहां वैश्विक कोरोना महामारी के बीच देश में सभी तरह की शैक्षिक तथा प्रशिक्षण से संबंधित गतिविधियां थमी हुई हैं, वहीं इस बीच डॉ. आरएस टोलिया उत्तराखंड प्रशासन अकादमी नैनीताल से अच्छी खबर आई है. निदेशक डॉ. राजीव रौतेला की पहल पर अकादमी में प्रशिक्षण पुनः आरंभ हो गए हैं.
कोरोना महामारी के बीच एक तरफ जहां देश में शैक्षिक गतिविधियों का संचालन पूरी तरह से वर्चुअल माध्यम से हो रहा है वहीं उत्तराखंड प्रशासन अकादमी ने शिक्षा के क्षेत्र में आए इस ठहराव को दूर करने की साहसिक पहल की है.
अकादमी के निदेशक डॉ. राजीव रौतेला की पहल पर डायरेक्ट ट्रेनिंग स्किल्स (डीटीएस) और इंडियन फाॅरेस्ट सर्विसेज (आईएफएस) के कोर्स सफलतापूर्वक संपन्न हो गए हैं, जिसमें प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए अधिकारियों ने प्रतिभाग किया. इस कोर्स में खास बात यह रही कि अकादमी में कोरोना महामारी से बचाव को लेकर खास इंतजाम किए गए और भारत सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा जारी सुरक्षा संबंधी उपायों का पालन करते हुए यह कोर्स सफलतापूर्वक संपन्न कराया गया.
अकादमी के निदेशक डॉ. राजीव रौतेला का कहना है कि कोरोना महामारी से पूरी दुनिया जंग लड़ रही है. कोरोना की वजह से विभिन्न क्षेत्रों में जो ठहराव आ गया है, अब उसे सुरक्षा उपायों के साथ तोड़ने की जरूरत है. बहुत समय तक यह ठहराव बना रहा तो आने वाले सालों में समाज में इसके नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेंगे. हमें आगे बढ़ना होगा और कोरोना के साथ जीना सीखना होगा. सुरक्षा संबंधी मानकों का पालन किया जाए तो यह असंभव भी नहीं है.
डॉ. राजीव रौतेला ने बताया कि इन्हीं विचारों से प्रेरित होकर हमने उत्तराखंड प्रशासन अकादमी नैनीताल में डायरेक्ट ट्रेनिंग स्किल्स (डीटीएस) और इंडियन फाॅरेस्ट सर्विसेज (आईएफएस)/इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज तथा पीसीएस के व्यवसायिक कोर्स को संचालित करने का निर्णय लिया. आईएफएस कोर्स 22 अगस्त को समापन हो गया है जबकि आईएएस तथा पीसीएस के कोर्स का समापन 29 अगस्त को होगा.
कोरोना महामारी के बीच इस तरह के कोर्स जहां राज्य के विभिन्न जनपदों से प्रतिभागियों को आना था, का आयोजन करना एक चुनौतीपूर्वक कार्य था, लेकिन अकादमी के अधिकारियों तथा यहां के स्टाफ की जीवंतता के कारण यह कार्य सफलतापूर्वक अपने मुकाम तक पहुंच सका.
डॉ. राजीव रौतेला ने बताया कि इन कोर्स में प्रतिभाग करने वाले प्रतिभागियों को पहले ही सुरक्षा उपायों से अवगत कराया जा चुका था. सभी प्रतिभागियों के लिए कोरोना टेस्ट करवाना अनिवार्य किया गया था और कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही इस कोर्स में प्रतिभाग करने की अनुमति दी गई थी. प्रतिभागियों के अकादमी में पहुंचते ही उनकी काउंसलिंग की गई तथा जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए. प्रतिभागियों के अकादमी में प्रवास के दौरान कोरोना से बचाव को लेकर सभी जरूरी उपाय किए गए. पूरे कैंपस तथा हाॅस्टल को प्रत्येक दिन सैनीटाइज करवाया गया. प्रतिभागियों की हर दिन दो बार स्क्रीनिंग की गई.
कक्षा कक्षों, हास्टल तथा कैंपस में सोशियल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करवाया गया. जागरूकता के लिए अकादमी के कैंपस में विभिन्न स्थानों पर साइन बोर्ड लगवाए गए. कोर्स के दौरान अकादमी में डाक्टर की तैनाती की गई ताकि किसी आपात स्थिति से निपटा जा सके. डॉ. रौतेला ने बताया कि भारत सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा अन्य कार्यक्रम भी निरंतर संचालित किए जाएंगे. डॉ. राजीव रौतेला ने डायरेक्ट ट्रेनिंग स्किल्स (डीटीएस) के कोर्स समन्वयक डॉ. दीपक पालीवाल और इंडियन फाॅरेस्ट सर्विसेज (आईएफएस) कोर्स के समन्वयक नवनीत पांडे को कोर्स की सफलता के लिए बधाई दी.