कोरोना वायरस के नए रूप ने एक बार फिर केंद्र और राज्य सरकारों की नींद उड़ा कर रख दी है. एक बार फिर वैसा ही माहौल और हालात बनते जा रहे हैं जैसे मार्च और अप्रैल में देखने को मिले थे.
केंद्र द्वारा गाइडलाइंस जारी कर सभी राज्यों से नया स्ट्रेन के कारण सख्ती बढ़ाने को कहा गया है. ऐसे में अगर कहीं नया केस मिलता है तो फिर से कंटेनमेंट जोन में इलाके को बदला जा सकता है. नए स्ट्रेन के मामले सामने आने के बाद केंद्र सरकार अलर्ट मोड में आ गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि 9 से 22 दिसंबर के बीच भारत आए इंटरनेशनल पैसेंजर्स, जो सिंप्टोमैटिक या संक्रमित पाए गए हैं, उनकी ‘जीनोम सीक्वेंसिंग’ अनिवार्य होगी.
सरकार की ओर से फिर एक बार टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है, जिसमें पॉजिटिव पाए जा रहे लोगों के संपर्क में आए लोगों को ट्रैक किया जा रहा है.
दूसरी ओर दुनिया की कई वैक्सीन कंपनियों और बीते दिन भारत सरकार ने इस बात को स्पष्ट किया है कि अभी तक ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं, जो साबित कर सके कि मौजूदा कोरोना वैक्सीन नए स्ट्रेन पर काम नहीं करेगी. ऐसे में इलाज की जो प्रक्रिया चलती आ रही है, उसी पर फोकस किया जा रहा है.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार