हम बात करते हैं उत्तर प्रदेश की, जहां अगले साल की शुरुआत में विधानसभा के चुनाव होने हैं. बीजेपी के सामने सत्ता में बने रहने की चुनौती है. तो समाजवादी पार्टी फिर से सरकार में वापसी के लिए जी जान से जुटी है. ‘ऐसे में सपा को विवेकानंद की जयंती पर उनकी याद आ गई’.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कार्यकर्ताओं से प्रदेश के हर जिलों में ‘घेरा बनाकर नौजवानों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने का आह्वान किया’. अखिलेश ने कहा कि युवा घेरा कार्यक्रम में महंगी होती शिक्षा, बेरोजगारी, युवाओं पर फर्जी केस तथा निर्दोषों पर लगी एनएसए, पूंजीनिवेश का अभाव और फैक्ट्रियों में बंदी के साथ छंटनी, सरकारी भर्तियों में धांधली आदि मुद्दों पर सपा कार्यकर्ता युवाओं के साथ योगी सरकार को घेरेंगे.
सपा अध्यक्ष ने बताया योगी सरकार ने प्रदेश के युवाओंं को बेरोजगार कर दिया है, अब उनकी पार्टी स्वामी विवेकानंद जयंती पर युवाओं को जगाना चाहती है. ‘बता दें कि आमतौर पर समाजवादी पार्टी राम मनोहर लोहिया और जय प्रकाश नारायण जैसे नेताओं की ही जयंती मनाती रही है, लेकिन अब विवेकानंद के राष्ट्रवाद के बहाने उसकी कोशिश बीजेपी के हिंदू वोट बैंक में सेंध लगाने की है’.
दूसरी और प्रदेश में योगी सरकार हर साल की तरह विवेकानंद जयंती धूमधाम से मनाने के लिए तैयार है, बीजेपी ने इसकी जिम्मेदारी युवा मोर्चा को दे रखी है.
दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के विवेकानंद जयंती मनाए जाने पर भाजपा ने तंज कसते हुए कहा है कि समाजवादी पार्टी को विवेकानंद की जयंती मनाना अच्छी बात है, लेकिन उनके पार्टी के नेता विवेकानंद के विचारों पर कहां चलते हैं, समाजवादी पार्टी की तो प्रतीकों महापुरुषों के बहाने राजनीति करने की पुरानी आदत रही है.
वहीं विवेकानंद जयंती पर कांग्रेस उधेड़बुन में है, पार्टी के नेताओं को समझ में नहीं आ रहा है कि वह इस मौके पर क्या स्टैंड लें.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार