शुक्रवार को पटना के बापू सभागार में सम्राट अशोक जयंती के अवसर पर एक सभा को संबोधित करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने एक और विवाद खड़ा कर दिया क्योंकि उन्होंने अखंड भारत के एक और वर्जन का प्रस्ताव रखा.
जिसे उन्होंने भारतीय महासंघ के रूप में परिभाषित किया. अखंड भारत के उनके वर्जन को पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, श्रीलंका और बांग्लादेश के साथ पश्चिम का मुकाबला करने के लिए पेश किया गया था, जिसे उन्होंने यूरोपीय संघ की तर्ज पर प्रस्तावित किया.
अगर यूरोपीय देश एक ही पेज पर आ सकते हैं, तो हमारे पड़ोसियों सहित दक्षिण एशियाई देशों को शामिल करते हुए भारतीय महासंघ क्यों नहीं हो सकता है.
बिहार पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने भी अखंड भारत को परिभाषित किया जो ईरान तक के क्षेत्र को शामिल करता है. सम्राट अशोक ने अखंड भारत की स्थापना की. सम्राट अशोक के अखंड भारत के दर्शन अब पीएम मोदी की आकांक्षा है. पीएम मोदी का भी यही सपना है.
भूपेंद्र यादव ने कहा कि अशोक काल लोगों के हितों के लिए जाना जाता है. पीएम मोदी की सरकार भी उसी लाइन पर चल रही है. वर्तमान में भारत के लिए अशोक चक्र के महत्व पर प्रकाश डाला है.