उत्तराखंड में चुनाव प्रचार के आखिरी दिन शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा एलान किया. मुख्यमंत्री धामी ने कर्नाटक हिजाब विवाद के बीच कहा था कि राज्य में भाजपा की सरकार बनते ही समान नागरिक संहिता लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.
देहरादून में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सीएम ने कहा कि इस बार भाजपा की सरकार बनते ही यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए कमेटी बनेगी और यूनिफॉर्म सिविल कोड का दायरा विवाह, तलाक, जमीन जायदाद व उत्तराधिकार के मामले तक इसमें शामिल किए जाएंगे.
सीएम धामी के इस एलान के बाद विपक्ष कांग्रेस ने मुख्यमंत्री धामी पर सियासत करने का आरोप लगाया है. इसके साथ कांग्रेस नेताओं को चुनाव से दो दिन पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की इस घोषणा का विरोध किया है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि समान नागरिक संहिता राज्य सरकार का विषय नहीं है. यह कार्य संसद का है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ऐसी बात कर हलकापन दिखा रहे हैं.
चुनाव के मौके पर भाजपा चाहे कुछ भी कर ले, जनता उसके झांसे में नहीं आने वाली है. वहीं दूसरी ओर चकराता विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि भाजपा के पास प्रदेश में करने के लिए कुछ नहीं बचा है. मुख्यमंत्री धामी अब चाहे जो भी कहें, उसका औचित्य नहीं है.
2022 में भाजपा की सरकार नहीं बनने वाली. ऐसे में सरकार बनने पर समान नागरिक संहिता लागू करने की बात का कोई मतलब नहीं है. आपको बता दें कि समान नागरिक संहिता का मतलब है कि भारत में रहने वाले किसी भी धर्म, जाति और समुदाय के व्यक्ति के लिए एक जैसा कानून होना. ये किसी भी धर्म या जाति के पर्सलन लॉ से ऊपर है.