तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के सरकार के फैसले पर संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रतिक्रिया दी है. एसकेएम ने तीनों कृषि कानूनों के वापस लेने के सरकार के फैसले का स्वागत किया है. एसकेएम ने शुक्रवार को कहा कि मोर्चा इन कानूनों को रद्द करने के लिए संसद की प्रक्रिया का इंतजार करेगा.
मोर्चा ने कहा है कि यदि ऐसा होता है तो किसानों के एक साल के आंदोलन की जीत होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि प्रकाश पर्व के दिन वह तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करते हैं.
पीएम ने कहा कि कृषि कानूनों को वापस लने की संवैधानिक प्रक्रिया को संसद के शीतकालीन सत्र में पूरा किया जाएगा. उन्होंने किसानों से अपने घरों, खेतों एवं परिवार के बीच लौटने की अपील की. वहीं, एसकेएम ने अपने बयान में कहा कि किसान आंदोलन के दौरान करीब 700 किसान शहीद हुए हैं. सरकार की हठधर्मिता की वजह से इन किसानों की जान गई जिसे टाला जा सकता था.
एसकेएम ने कहा है कि किसानों का आंदोलन केवल तीन कृषि कानूनों की वापसी तक सीमित नहीं है बल्कि यह किसानों के लिए एमएसपी की गारंटी के लिए भी है.
किसानों की यह मांग अभी भी लंबित है. किसान बिजली संशोधन बिल की वापसी की भी मांग कर रहे हैं. एसकेएम इस बारे में सभी पहलुओं पर गौर करते हुए बैठक करेगा और अपने फैसले से अवगत कराएगा. एसकेएम का यह बयान बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ. दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चरूनी, हन्नान मोल्लाह, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह, शिवकुमार शर्मा, युद्धवीर सिंह की ओर से जारी हुआ है.
वहीं, कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आई हैं. राहुल गांधी, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, कैप्टन अमरिंदर सिंह, नवजोत सिंह सिद्धू सहित तमाम नेताओं ने प्रतिक्रियाएं दी हैं.
सिसोदिया ने कहा कि सरकार को किसानों से माफी मांगनी चाहिए. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रकाश पर्व के दिन कृषि कानूनों के वापस लेने के फैसले की खुशखबरी मिली. केजरीवाल ने कहा कि किसानों की शहादत अमर रहेगी.