पिछले वर्ष जब देश में कोरोना वायरस प्रवेश कर चुका था तो 19 मार्च को रात 8 बजे पीएम मोदी ने देश को संबोधित किया और ऐलान किया किया कि 22 मार्च को देश में जनता कर्फ्यू लगने जा रहा है और लोग इसमें भाग लें. पीएम की अपील के बाद पिछले साल आज ही के दिन पूरे देश में इस वायरस से सावधान रहने की घंटी बजी थी. पूरे देश में सड़कों, गलियों तथा बाजारों में मानों सन्नाटा छा गया था. पीएम की अपील पर अमल करते हुए 22 मार्च को देशवासी घरों के अंदर ही कैद रहे थे.
जब घंटा बजाते हुए नजर आए थे लोग
जनता कर्फ्यू के तहत 22 मार्च की शाम को लोग एक साथ घरों की छतों, बालकनियों और दरवाजों पर खड़े होकर थाली, घंटा और शंख बजाते हुए नजर आए. दरअसल पीएम मोदी ने ऐसे कठिन समय के दौरान राष्ट्र की सेवा में लगे लोगों के सम्मान में शाम 5 बजे सभी नागरिकों से अपने घरों के दरवाजे और खिड़कियों पर खड़े होकर पांच मिनट तक ताली या घंटी बजाने का आग्रह किया था.
लॉकडाउन से पहले यह पूरे देश के लिए एक नया अनुभव है. इसके बाद कोविड के खिलाफ जागरूकता बढ़ी और समाज के तमाम वर्गों ने मास्क से लेकर सैनिटाइजर तक उपयोग करने लगे.
क्या कहा था पीएम ने
19 मार्च, 2020 को अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने नागरिकों से 22 मार्च, 2020 को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे के बीच ‘जनता कर्फ्यू’ की अवधारणा का पालन करने का आग्रह किया, जिसमें आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों के अलावा किसी को भी घर से बाहर नहीं निकलने के लिए कहा गया है.
उन्होंने कहा कि इस तरह के जन-आंदोलन की सफलता और इससे प्राप्त अनुभव हमें आगे की चुनौतियों के लिए तैयार करेंगे. उन्होंने कहा कि 22 मार्च को हमारे प्रयास हमारे आत्म-संयम और राष्ट्रीय हित में कर्तव्य निभाने के संकल्प के प्रतीक होंगे.
लगी थी ये बंदिशे
पीएम मोदी ने लोगों को जनता कर्फ्यू के बारे में समझाते हुए कहा था, ‘इस दौरान हम न घरों से बाहर निकलेंगे, न सड़क पर जाएंगे, न मोहल्ले में कहीं जाएंगे. सिर्फ आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोग ही 22 मार्च को अपने घरों से बाहर निकलेंगे. हमारा ये प्रयास, हमारे आत्म-संयम,देशहित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक प्रतीक होगा. 22 मार्च को जनता-कर्फ्यू की सफलता, इसके अनुभव, हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे.’
पीएम ने कहा था- थैंक्यू
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस कोविड-19 के प्रसार को रोकने के प्रयासों के क्रम में जनता कर्फ्यू को समर्थन देने के लिए एकजुट होने की दिशा में विभिन्न क्षेत्रों के लोगों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की थी. विभिन्न क्षेत्रों और कई संगठनों के प्रभावी और सफल लोग जनता कर्फ्यू के समर्थन में आगे आए हैं और उन्होंने इसे प्रभावी बनाने के लिए राष्ट्र से एकजुट होने का आह्वान किया है.