भारत दौरे पर आए चीन के विदेश मंत्री वांग यी शुक्रवार सुबह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मिलने साउथ ब्लॉक स्थित उनके कार्यालय पहुंचे. सूत्रों का कहना है कि वांग के साथ डोभाल की सीमा विवाद सहित कई मुद्दों पर खुलकर बातचीत हुई.
चीन के विदेश मंत्री ने एनएसए डोभाल को बीजिंग के दौरे पर आने का न्योता दिया. इस आमंत्रण पर एनएसए ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी लेकिन साथ भी यह भी जोड़ा कि उनकी यह यात्रा तभी संभव होगी जब वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के विवादित प्वाइंट्स से सैनिकों की पूरी तरह से वापसी हो जाएगी. सूत्रों के मुताबिक एनएसए ने साफ शब्दों में कहा कि दोनों पक्षों के बीच आपसी विश्वास कायम रखने के लिए इस तरह के कदमों को तत्काल उठाए जाने की जरूरत है.
इस बैठक से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अजीत डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री से कहा कि शांति की बहाली के लिए कूटनीतिक एवं सैन्य स्तर पर सकारात्मक बातचीत जारी रखने की जरूरत है. रिश्ते सामान्य रखने के लिए ऐसा करना आवश्यक है. यह देखा जाना चाहिए पारस्परिक सुरक्षा की भावना का उल्लंघन न हो.
इस दिशा में काम करने और लंबित मुद्दों का हल जल्द से जल्द निकालने की जरूरत है. भारत ने कहा कि आपसी संबंधों को सामन्य बनाने के लिए विवादित जगहों से सैनिकों की पूरी तरह से वापसी जल्द से जल्द करनी होगी. सीमा पर जो अभी हालात हैं वे दोनों देशों के हित में नहीं हैं.
चीन के विदेश मंत्री ने एनएसए डोभाल को अपने देश की यात्रा पर आने का न्योता दिया. उनके इस निमंत्रण पर एनएसए ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी लेकिन उन्होंने कहा कि जैसे ही लंबित मुद्दों का समाधान होगा वह बीजिंग की यात्रा पर आएंगे.
नई दिल्ली-बीजिंग के रिश्तों पर भारत कई बार यह कह चुका है कि सीमा पर गतिरोध एवं तनाव यदि जारी रहा तो दोनों देशों के बीच रिश्ते पहले की तरह सामान्य नहीं रह सकते. खास बात यह है कि चीन के विदेश मंत्री का यह भारत दौरा उस समय हुआ है जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है.
इस युद्ध के बाद विश्व स्तर पर भूस्थानिक समीकरण बदलते दिख रहे हैं. चीन ने जहां रूस की कार्रवाई की समर्थन किया है वहीं, भारत ने अपनी भूमिका तटस्थ रखी है. भारत का कहना है कि बातचीत एवं कूटनीति के जरिए यूक्रेन समस्या का समाधान निकाला जाना चाहिए.