पिछले कुछ दिनों से एलोपैथी के खिलाफ आरोप लगाने वाले स्वामी रामदेव लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. रामदेव ने अब आयुर्वेद बनाम एलोपैथी की बहस को विराम तक पहुंचाने के लिए एलोपैथी को एक तरह से मान्यता देते हुए आपसी सहयोग और मिल जुलकर चिकित्सा पद्धति विकसित किए जाने के विचार पर बात छेड़ी है.
उन्होंने माना है कि एलोपैथी के पास ऐसी दवाएं हैं, जो एकदम इमरजेंसी की स्थिति में जान बचाने में कारगर हैं. साथ ही, उन्होंने यह भी कहा है कि चिकित्सा में एलोपैथी का यह योगदान करीब दो फीसदी है क्योंकि इसके अलावा 98% बीमारियों का स्थायी इलाज आयुर्वेद और योग के पास ही है.
दूसरी तरफ, एलोपैथी की पैरोकार संस्था इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इस पूरी कवायद के चलते रामदेव के खिलाफ 1000 करोड़ के मानहानि दावे का नोटिस भी भेजा था. अब पतंजलि योग पीठ के प्रमुख ने एक इंटिग्रेटेड पैथी के बारे में सलाह दी है.
चिकित्सा पद्धतियों को लेकर छिड़ी बहस में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए रामदेव ने लिखा ‘यदि एलोपैथी में सर्जरी व लाइफ सेविंग ड्रग्स हैं तो शेष 98% बीमारियों का योग-आयुर्वेद में स्थायी समाधान है, हम इंटीग्रेटेड पैथी के पक्ष में हैं… योग-आयुर्वेद को स्यूडो-साइन्स और अल्टरनेटिव थैरेपी कहकर नीचा दिखाने की मानसिकता देश बर्दाश्त नहीं करेगा.’ इसी पोस्ट में रामदेव ने आगे एलोपैथी को स्वीकार करने विवाद खत्म करने की बात भी कही.
‘हमारा अभियान ऐलोपैथी व श्रेष्ठ डाक्टरों के खिलाफ नहीं है. हम उनका सम्मान करते हैं. अभियान उन ड्रग माफियाओं के खिलाफ है जो 2 रुपये की दवाई को 2000 रुपये तक बेचते हैं और गैरज़रूरी आपरेशन व टेस्ट तथा अनावश्यक दवाओं का धंधा करते हैं… हम इस विवाद को खत्म करना चाहते हैं.’
इससे पहले, हाल में बाबा रामदेव ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें आमिर खान अपने टीवी कार्यक्रम में एक डॉक्टर के साथ चर्चा करते हुए दिखे थे. इस वीडियो में डॉक्टर ने खान को बताया था कि कैसे दवाओं को कई गुना दामों पर बेचा जाता है और किस तरह देश के गरीब या सामान्य लोग महंगे इलाज या उसके अभाव के शिकार होते हैं.
इस वीडियो के बहाने रामदेव ने कहा था कि एलोपैथी वालों ने इसी मुद्दे पर खान के खिलाफ तो मोर्चा नहीं खोला! अब इस मुद्दे पर एफबी पोस्ट के ज़रिये योगाचार्य ने अपनी बात रखी.