आज देश की उन बहादुर बेटियों के लिए बहुत ही गर्व का दिन है, जो कई वर्षों से एनडीए में शामिल होने के लिए संघर्ष कर रहीं थी. हालांकि ‘पिछले महीने अगस्त की 18 तारीख को सुप्रीम कोर्ट ने लड़कियों के लिए एनडीए और नेवल एकेडमी में जाने के लिए फैसला सुनाया था और केंद्र सरकार से सीधा पूछा था आप इसे कब स्वीकृति दे रहे हैं आखिरकार बुधवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को अपनी स्वीकृत देते हुए बताया कि नेशनल डिफेंस एकेडमी में लड़कियों को हम प्रवेश देने के लिए तैयार हैं’.
जिसके बाद देश भर में उन लड़कियों में खुशी दौड़ गई जो सेना में शामिल होने के लिए ‘सपने संजोए’ हुए हैं. बता दें कि केंद्र सरकार की तरफ से कोर्ट में उपस्थित एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि दोनों संस्थानों में महिला कैडेट्स को दाखिला देने का फैसला ले लिया गया है और केंद्र सरकार इसकी अंतिम तैयारियों में जुटी हुई है.
दूसरी ओर सरकार के जानकारी देने के बाद जस्टिस एसके कौल ने कहा कि ‘हमें जानकर बेहद खुशी हुई कि सशस्त्र बलों ने खुद महिलाओं को नेशनल डिफेंस एकेडमी में शामिल करने का फैसला किया है’. सर्वोच्च अदालत ने केंद्र को हलफनामा दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय दिया.
इस मामले में अब 22 सितंबर को सुनवाई होगी. मालूम हो कि इस साल एनडीए की 370 सीटों के लिए 4.5 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी परीक्षा देने वाले हैं. पहले यह परीक्षा 5 सितंबर 2021 को होनी थी, लेकिन अब यह 14 नवंबर को प्रस्तावित है.
महिलाओं के लिए सेना में स्थायी कमीशन का रास्ता पहले ही साफ हो चुका है. एनडीए के जरिए सेना में शामिल होने पर लड़कियों को कई फायदे मिलेंगे. उनका सर्विस पीरियड लंबा होगा और सैन्य सेवाओं में भूमिका का दायरा भी बढ़ेगा. लड़कियों के पास अब पदोन्नत होकर सेनाध्यक्ष तक बनने का मौका होगा.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार