सोमवार को पीएम मोदी ने वाराणसी दौरे में प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना का शुभारंभ किया वहीं इस मौके पर उन्होंने वाराणसी के लिए 5200 करोड़ से अधिक की अलग-अलग विकास परियोजनाओं की भी सौगात दी.
उन्होंने वहां अपने संबोधन में कहा कि अगले 10-12 वर्षों में, देश को कई डॉक्टर प्राप्त होने जा रहे हैं जो आजादी के बाद के 70 वर्षों में मेडिकल कॉलेजों से स्नातक होने वाले डॉक्टरों की संख्या से अधिक होंगे.
यूपी में जिस तेजी से नए मेडिकल कॉलेज शुरू हो रहे हैं, उसका सकारात्मक असर मेडिकल सीटों और डॉक्टरों की संख्या पर पड़ेगा. सीटों की संख्या अधिक होने के कारण अब गरीब माता-पिता के बच्चे भी डॉक्टर बनने का सपना देख सकते हैं और उसे पूरा कर सकते हैं.
पीएम ने कहा कि आजादी के बाद लंबे समय तक स्वास्थ्य और स्वास्थ्य सुविधाओं पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया. लंबे समय तक देश पर शासन करने वाले लोगों ने स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के विकास को सुविधाजनक बनाने के बजाय सुविधाओं से रहित रखा.
कोरोना महामारी के खिलाफ अपनी लड़ाई में, राष्ट्र ने 100 करोड़ वैक्सीन खुराक देने की एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. बाबा विश्वनाथ, माँ गंगा के आशीर्वाद और काशी के लोगों के विश्वास से, ‘सबको वैक्सीन, मुफ्त वैक्सीन’ का अभियान सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि पहले जनता का पैसा घोटालों में जाता था अगर पहले भी ठीक तरह से काम होता तो आज काशी की स्थिति बेहतर होती, काशी को पिछली सरकारों ने अपने हाल पर छोड़ रखा था वहीं पीएम मोदी ने कहा कि आज काशी का हृदय वही है, मन वही है.
लेकिन काया को सुधारने का ईमानदारी से प्रयास हो रहा है, जितना काम वाराणसी में पिछले सात साल में हुआ है, उतना पिछले कई दशकों में नहीं हुआ, रिंग रोड के अभाव में काशी में जाम की क्या स्थिति होती थी, इसे आपने कई सालों तक महसूस किया है.
कोरोना महामारी के खिलाफ अपनी लड़ाई में, राष्ट्र ने 100 करोड़ वैक्सीन खुराक देने की एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. बाबा विश्वनाथ, माँ गंगा के आशीर्वाद और काशी के लोगों के विश्वास से, ‘सबको वैक्सीन, मुफ्त वैक्सीन’ का अभियान सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि पहले जनता का पैसा घोटालों में जाता था अगर पहले भी ठीक तरह से काम होता तो आज काशी की स्थिति बेहतर होती, काशी को पिछली सरकारों ने अपने हाल पर छोड़ रखा था वहीं पीएम मोदी ने कहा कि आज काशी का हृदय वही है.
मन वही है, लेकिन काया को सुधारने का ईमानदारी से प्रयास हो रहा है, जितना काम वाराणसी में पिछले सात साल में हुआ है, उतना पिछले कई दशकों में नहीं हुआ, रिंग रोड के अभाव में काशी में जाम की क्या स्थिति होती थी, इसे आपने कई सालों तक महसूस किया है.