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अब मेट्रो में सफर करना पहले की तुलना में बिल्कुल अलग होगा

सांकेतिक फोटो
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कोरोना वायरस महामारी के कारण 22 मार्च से बंद दिल्ली मेट्रो 7 सितंबर से चलने को तैयार है. दिल्ली मेट्रो अपनी सेवाओं को क्रमबद्ध तरीके से फिर से शुरू करने के लिए तैयार है.

ऐसे में दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने रविवार को कहा कि वे सुनिश्चित करेंगे कि सोशल डिस्टेंसिंग और थर्मल स्क्रीनिंग सहित सभी सुरक्षा मानदंडों का कड़ाई से पालन किया जाए.

कोविड 19 से यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे उपायों का विवरण देते हुए गहलोत ने कहा कि पैसेंजर्स को एंट्री पर थर्मल स्क्रीनिंग से गुजरना होगा.

मंत्री ने आगे कहा कि टोकन जारी नहीं किया जाएगा. लोगों को मेट्रो में यात्रा करते समय अपने स्मार्ट कार्ड का उपयोग करना होगा. भुगतान के लिए डिजिटल तरीके स्वीकार किए जाएंगे.

इसके अलावा कई अन्य एहतियाती उपाय जैसे कि लिफ्टों में लोगों की संख्या को सीमित करना, स्टेशनों पर ट्रेनों का लंबे समय तक रुकने का भी पालन किया जाएगा. सभी मेट्रो स्टेशन के प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजर डिस्पेंसर और थर्मल स्क्रीनिंग मशीन लगाई जाएंगी. मास्क अनिवार्य है, उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाया जा सकता है.

मेट्रो ट्रेनों के अंदर के एसी तापमान को नियंत्रित किया जाएगा. गहलोत ने कहा कि एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार की गई है, जिसका पालन यात्रियों के साथ-साथ मेट्रो प्राधिकरण भी करेंगे.

केंद्र सरकार ने अनलॉक 4 के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं, इसमें 7 सितंबर से मेट्रो को क्रमबद्ध तरीके से चलाने की अनुमति दी गई है. इस संबंध में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की जाएगी.

सूत्रों ने बताया कि मेट्रो ट्रेनों को चलाने के लिए एसओपी पहले ही वितरित की जा चुकी है और आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा एक सितंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इस पर मेट्रो कंपनियों के साथ चर्चा की जाएगी और इसे अंतिम रूप दिया जाएगा.

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