दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने एक नीतिगत निर्णय लिया है जिसमें बार संचालकों को तड़के तीन बजे तक शराब परोसने की अनुमति दी जाएगी. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया, सरकार ने आबकारी विभाग को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं और आबकारी नीति 2021-22 के अनुसार जल्द ही एक आदेश जारी होने की संभावना है.
उन्होंने कहा, ‘रेस्तरां में बार को अब तक देर रात एक बजे तक संचालित करने की अनुमति है. यदि समय रात के तीन बजे तक बढ़ाया जाता है, तो आबकारी विभाग पुलिस सहित अन्य एजेंसियों के साथ काम करेगा.’ नवंबर 2021 से लागू हुई नई आबकारी नीति में सिफारिश की गई है कि बार के संचालन के समय को पड़ोसी शहरों के बराबर लाया जा सकता है.
एनसीआर शहरों, हरियाणा के गुरुग्राम और फरीदाबाद में बार को तड़के तीन बजे तक खोलने की अनुमति है. हालांकि, उत्तर प्रदेश के नोएडा और गाजियाबाद में बार एक बजे तक खुले रहते हैं. राष्ट्रीय राजधानी में करीब 550 स्वतंत्र रेस्तरां हैं जो आबकारी विभाग से एल-17 लाइसेंस पर भारतीय और विदेशी ब्रांड की शराब परोसते हैं. लगभग 150 की संख्या वाले होटलों और मोटल के रेस्तरां में पहले से ही चौबीसों घंटे शराब परोसने की अनुमति है. ऐसे रेस्तरां को आबकारी विभाग द्वारा एल-16 लाइसेंस दिया जाता है.
बीजेपी ने भी दिल्ली सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए, पूर्व केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री और बीजेपी सांसद डॉ हर्षवर्धन ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘जहां एक ओर दिल्ली में पानी की किल्लत के कारण आमजन त्रस्त है, वहीं दिल्ली सरकार की नई शराब नीति के अंतर्गत शराब के ठेकों को सुबह 3 बजे तक खोलने का निर्णय आम आदमी पार्टी की जनविरोधी मानसिकता को दर्शाता है, जनता को साफ पानी उपलब्ध कराने की जगह अब शराब पिलाना ही ‘आप’ की प्राथमिकता है.’
दिल्ली कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने दिल्ली वासियों के भारी विरोध के बावजूद नई शराब नीति के तहत दिल्ली में रेस्टोरेंट, बार, बैंकट हॉल, होटलों और क्लबों को नए लाइसेंस देकर इनमें अब शराब रात्रि 3 बजे तक परोसने का प्रबंध कर दिया है, अनिल चौधरी ने कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली को पूरी तरह बर्बाद करने की ठान ली है.
नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष कबीर सूरी ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा, ‘हमने दिल्ली सरकार से इस मांग के साथ संपर्क किया था कि बार खोलने का समय तीन बजे तक बढ़ाया जाए क्योंकि नीति में इसकी सिफारिश की गई है.’