नैनीताल| प्रदेश में तेज़ी से बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर अब उत्तराखण्ड हाईकोर्ट में हर बुधवार को सुनवाई होगी. शुक्रवार को कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि प्लाज़्मा थेरेपी ट्रीटमेंट के लिए क्या कार्रवाई कर रहे हैं? हाईकोर्ट ने सरकार से कहा है कि इस पूरे मामले में शपथ पत्र के साथ जवाब दाखिल करें.
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा है कि वह कोर्ट को सुझाव दें कि वर्तमान में क्या स्थिति है. कोर्ट ने राज्य की सीमा पर क्वारंटीन वाले आदेश को भी वापस ले लिया है.
हाईकोर्ट में सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि 12 कोरोना जांच केन्द्र काम कर रहे हैं. सरकार इन्हें बढ़ाने का प्रयास सरकार कर रही है.
कोरोना से बचाव के लिए प्रचार-प्रसार किया जा रहा है और डब्लूएचओ व आईसीएमआर मानकों का पालन पूर्ण रुप से पालन किया जा रहा है.
बता दें कि अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली और शिव भट्ट ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर कहा है कि कोरोना से बचाव के लिए राज्य को निर्देश दिए जाएं और क्वारंटीन किए जाने की व्यवस्था भी बेहतर हो.
इसके अलावा याचिका में यह भी कहा गया है कि जो कोरोना से लड़ने के लिए फ्रंट पर काम कर रहे हैं उनको सभी बचाव के उपकरण दिए जाएं. पहले भी में हाईकोर्ट ने इस याचिका पर कई निर्देश जारी किए हैं और सरकार ने भी उनका पालन किया है.
मगर अब कोरोना के तेज़ी से फैलने के चलते हाईकोर्ट इस पर हफ्ते में एक दिन सुनवाई करेगा. दरअसल जब कोरोना के मामले राज्य में न के बराबर थे तब हाईकोर्ट में इसे लेकर अलग-अलग जनहित याचिकाएं दाखिल की गई थीं.
अब मामले तेज़ी से बढ़ने के बाद हाईकोर्ट खुद स्थिति की मॉनिटरिंग कर रहा है. कोरोना संक्रमण का हाल यह है कि पूरा पहाड़ कोरोना ग्रस्त है और इलाज व टेस्ट आए दिन खबरें बन रहे हैं.