मौजूदा समय की हाईटेक राजनीति इतनी अधिक एक्टिव हो गई है कि आप उससे बच नहीं सकते हैं. आपने भी निजी जीवन में देखा या सुना होगा कि अपनों की गलती का खामियाजा खुद को भुगतना पड़ता है. ऐसे ही एक राज्य केे मुख्यमंत्री हैैं जिन्हें पिछलेे कुछ समय अपनों की वजह से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. जी हां हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की. सीएम रावत अभी कुछ दिनों पहले तक बहुत संभल-संभल कर अपनी सरकार को आगे बढ़ा रहे थे, इस उम्मीद के साथ कि वर्ष 2022 में होने वाले उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा दोबारा राज्य की सत्ता पर काबिज हो सकेगी.
लेकिन दस दिनों में 2 घटनाओं ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की स्वच्छ छवि पर जबरदस्त झटका लगा है. आइए आपको बताते हैं यह दो घटनाएं कौन सी हैं. पहली यह है भाजपा के दबंग विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन की पिछले दिनों हुई घर वापसी, दूसरी, भाजपा के ही विधायक महेेश नेगी पर लगे यौन शोषण के आरोप. बता दें कि पिछले दिनों भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित किए गए विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन की वापसी कराई थी. चैंपियन की भाजपा में हुई वापसी पर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतर कर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के खिलाफ जबरदस्त हल्ला बोला था और भाजपा पर कई गंभीर आरोप लगाए थे.
अभी उत्तराखंड भाजपा सरकार आम आदमी पार्टी के चैंपियन वाले मुद्दे पर हल्ला बोल से उभर भी नहीं पाई थी कि अब कांग्रेस ने भी रेप के आरोपों से घिरे भाजपा विधायक महेश देगी को लेकर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ सड़क पर उतरने का एलान कर दिया है. कांग्रेस के इस एलान के बाद सीएम रावत को एक बार फिर मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा.
भाजपा सरकार के खिलाफ कल जिला मुख्यालयों पर कांग्रेस का हल्ला बोल
अल्मोड़ा के द्वाराहाट सीट से भाजपा विधायक महेश नेगी पर महिला के लगाए गए यौन शोषण के आरोपों के बाद उत्तराखंड की राजनीति कई दिनों से गरमाई हुई है. विधायक महेश नेगी का मामला बीजेपी के लिए गले की फांस बन गया है, वहीं कांग्रेस इस मुद्दे को भुनाते हुए भाजपा पर हमलावर होती जा रही है. लगातार कार्रवाई की मांग कर रही राज्य कांग्रेस पार्टी ने अब प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर 31 अगस्त को धरना प्रदर्शन करने का एलान कर दिया है.
उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने बताया कि वह खुद त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे. प्रीतम सिंह ने मांग की है कि महिला की तहरीर पर भाजपा विधायक महेश नेगी पर पुलिस मुकदमा दर्ज नहीं कर रही है. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है कि विधायक पर लगे गंभीर आरोपों के मामले में पुलिस गंभीरता से जांच नहीं कर रही है, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि शासन-प्रशासन ने डीएनए टेस्ट कराने को लेकर भी अभी तक कोई स्पष्ट आदेश नहीं दिया है. कांग्रेस प्रदेश प्रमुख प्रीतम सिंह ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर राजनीति नहीं कर रही है, महिला के आरोपों को दरकिनार किया जा रहा है, इस वजह से पार्टी सामने आई है.
यह है पूरा मामला जिस वजह से राज्य की राजनीति गरमाई हुई है
भाजपा विधायक महेश नेगी की पत्नी ने देहरादून के थाना नेहरू कॉलोनी में एक महिला पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसके बाद महिला ने पिछले दिनों विधायक पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. वीडियो के जरिए महिला ने दावा किया था कि भारतीय जनता पार्टी के विधायक और उसकी एक बेटी भी है. इसको साबित करने के लिए वह डीएनए टेस्ट के लिए तैयार है. महिला ने थाने में तहरीर देकर बीजेपी विधायक महेश नेगी पर उसके साथ कई बार दुष्कर्म करने का आरोप भी लगाया था. तभी से उत्तराखंड त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार इस मामले में बैकफुट पर है. यहां हम आपको बता दें कि अभी उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने में डेढ़ वर्ष बचे हैं लेकिन अभी से ही भाजपा और कांग्रेस मुद्दों को लेकर घमासान शुरू हो गया है. इन दोनों पार्टियों के बीच आम आदमी पार्टी ने भी राज्य की सियासत में पैर जमाने के लिए अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार