केंद्र से टकराव के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा दांव चला. सोमवार को ममता बनर्जी ने मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को अपना मुख्य सलाहकार बनाया. वहीं हरि कृष्ण द्विवेदी को बंगाल का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है. अलपन आज ही अपने पद से सेवानिवृत्त हुए है.
दरअसल, केंद्र ने शुक्रवार की रात अचानक बंदोपाध्याय की सेवाएं मांगीं और राज्य सरकार से कहा कि शीर्ष नौकरशाह को तुरंत वहां से मुक्त किया जाए. बंदोपाध्याय 60 वर्ष की उम्र पूरा करने के बाद 31 मई को सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन कोविड-19 के प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए उन्हें तीन महीने का सेवा विस्तार दिया गया था. लेकिन अब वो आज सेवानिवृत्त हो रहे हैं.
ममता बनर्जी ने बंदोपाध्याय को दिल्ली बुलाने के केंद्र के आदेश को ‘असंवैधानिक’ करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर यह आदेश वापस लेने का अनुरोध किया था. बनर्जी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार बंद्योपाध्याय को ‘कार्यमुक्त नहीं कर रही’ है. बनर्जी ने कहा कि वह केंद्र के फैसले से स्तब्ध हैं. उन्होंने आदेश को एकपक्षीय करार दिया जो राज्य सरकार से बिना कोई परामर्श किए जारी किया गया है.
बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को दिल्ली बुलाने के एकतरफा आदेश से स्तब्ध और हैरान हूं. यह एकतरफा आदेश कानून की कसौटी पर खरा नहीं उतरने वाला, ऐतिहासिक रूप से अभूतपूर्व तथा पूरी तरह से असंवैधानिक है. बंगाल के मुख्य सचिव को केंद्र में बुलाए जाने की वजह का जिक्र मुझे भेजे गए पत्र में नहीं है. केंद्र किसी अधिकारी को राज्य सरकार की सहमति के बिना इसमें जॉइन करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता.