‘टूलकिट’ मामले में अन्य एक्टिविस्टों पर दिल्ली पुलिस का शिकंजा कसने लगा है. दिल्ली पुलिस को एक्टिविस्ट निकिता जैकब कि गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से गैर-जमानती वारंटी मिल चुका है. पुलिस का दावा है कि निकिता अपने घर पर नहीं हैं, वह फरार हो गई हैं. दिल्ली पुलिस का आरोप है कि निकिता ने ही किसान आंदोलन से जुड़े ‘टूलकिट’ को तैयार किया है जिसे चर्चित पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने शेयर किया. दिल्ली की एक अदालत ने निकिता के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और साइबर विभाग के अधिकारी चार-पांच दिनों पहले निकिता के मुंबई स्थित घर गए थे और जांच के लिए वहां से इलेक्ट्रानिक उपकरण अपने साथ ले गए. पुलिस ने कहा था कि जरूरत पड़ने पर उनसे पूछताछ की जाएगी लेकिन वह अब अपने घर पर मौजूद नहीं हैं. सूत्रों का कहना है कि निकिता जमानत के लिए मुंबई की स्थानीय अदालत में अर्जी लगा सकती हैं. पुलिस का कहना है कि निकिता ने अपने अन्य सहयोगियों के साथ जूम पर मीटिंग की और किसान आंदोलन के लिए सोशल मीडिया पर आंदोलन खड़ा करने का एक्शन प्लान बनाया.
निकिता की लीगल टीम का कहना है कि दिल्ली पुलिस ने गत 10 फरवरी को उनके मुवक्किल के बयान दर्ज किए. पुलिस का यह दावा कि वह सहयोग नहीं कर रही हैं, पूरी तरह से गलत है. दिल्ली पुलिस ने पंचनामा भी किया है. हम यह सभी साक्ष्य कोर्ट के समक्ष रखेंगे. वकीलों का कनहा है कि 10 फरवरी को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के अधिकारियों ने निकिता से 13 घंटे की पूछताछ की. टीम उनके घर से हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव आदि अपने साथ ले गई. मामले में अपनी गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए निकिता 11 फरवरी को बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचीं.
सूत्रों का कहना है कि खालिस्तान समर्थक नेता मो. धालीवाल के एक सहयोगी ने निकिता से संपर्क किया था. निकिता के ऊपर दिल्ली पुलिस का शिकंजा उस समय कसा है जब ‘टूल किल’ मामले में 22 वर्षीया एक्टिविस्ट दिशा रवि पांच दिनों की पुलिस हिरासत में हैं. वह शनिवार को गिरफ्तार हुईं. किसान आंदोलन से जुड़े ‘टूलकिट’ के सोशल मीडिया में कथित रूप से शेयर करने के आरोप में उनकी यह गिरफ्तारी हुई है. दिल्ली पुलिस ने अपने एक ट्वीट में कहा, ‘दिशा रवि टूलकिट गूगल डॉक की एडिटर हैं और वह ‘टूल किट’ के प्रसार एवं उसे तैयार करने में वह मुख्य साजिशकर्ता हैं.’