पटना| बिहार में सबकी नजरें नीतीश मंत्रिमंडल के विस्तार पर टिकी हुई हैं. बीजेपी और जेडीयू के खेमे में हर कोई यह पता करने में लगा हुआ है कि इस बार उसका नंबर आएगा या नहीं. मकर संक्रांति के साथ ही खरमास खत्म हो गया, इसलिए राजनीतिक गलियारों में अब चर्चा आम है कि नीतीश कुमार अपने कितने लोगों को मंत्रिमंडल में जगह दिलवाने में कामयाब हो सकेंगे या बीजेपी ‘बड़े भाई’ की भूमिका में कितने मंत्री पद झटकने में कामयाब हो सकेगी.
पिछले कुछ दिनों में पटना में कई अहम मुलाकातें हुई हैं जिससे पटना की सर्दी में सरगर्मी का अंदाजा लगाया जा सकता है.
माना जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा. राजभवन के करीबी सूत्र फिलहाल शपथ ग्रहण की तारीख नहीं बता रहे हैं लेकिन संकेत दे रहे हैं कि मंत्रिमंडल का विस्तार किसी भी वक्त हो सकता हैं.
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल के कल देर शाम, नीतीश कुमार से मुलाकात करते ही कयासों का बाज़ार गर्म हो गया. सीएम आवास से बाहर निकलने के बाद जायसवाल ने मंत्रियों की सूची को लेकर पत्ते नहीं खोले. उपमुख्यमंत्री तार किशोर ने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सब कुछ ठीक होने का दावा किया.
कुछ बड़े नाम जिनको मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है, उसमें बीजेपी के शाहनवाज हुसैन का नाम शामिल है. दूसरा महत्वपूर्ण नाम सम्राट चौधरी का है, जो बीजेपी के ही एमएलसी हैं. ये शकुनि चौधरी के बेटे हैं और नीतीश कुमार के लव-कुश समीकरण के मजबूत आधार माने जाते हैं.
जेडीयू से श्रवण कुमार भी चर्चा में हैं, क्योंकि ये नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं. सामाजिक समीकरणों के हिसाब से ये कुर्मी समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं. जेडीयू के ही सुनील कुमार और महेश्वर हजारी की चर्चा जोरों पर है, ये दोनों दलित कोटे से हैं.
ये बता दें कि सुनील कुमार पूर्व आईपीएस हैं और चुनाव से ठीक पहले ही वो जेडीयू में शामिल हुए थे. वहीं महेश्वर हजारी पूर्व सांसद हैं और नीतीश कुमार की पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री रह चुके हैं. ये रामविलास पासवान के करीबी रिश्तेदार भी हैं.
राजपूत कोटे से, सुमित सिंह, जो पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के बेटे हैं, मंत्रिमंडल में जगह पा सकते हैं. सुमित ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीतकर आने के बाद जेडीयू का दामन थामा था.
जमुई के चकाई से विधायक बने, सुमित सिंह चिराग पासवान के धुर विरोधी माने जाते हैं. इस वक्त नीतीश मंत्रीमंडल में 13 मंत्री शामिल हैं, विस्तार के बाद 23 और मंत्रियों के शामिल होने की गुंजाइश है. अगर नीतीश की पिछली सरकार को देखें तो उसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत 35 मंत्री शामिल थे.