सोमवार को केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि गत 10 मार्च को नंदीग्रीम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ जो कुछ हुआ वह एक हादसा था और उसका राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चुनाव लोकतांत्रिक परंपराओं को आगे बढ़ाने का काम करते हैं, इसकी छवि खराब नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘नंदीग्राम में ममता बनर्जी के साथ जो कुछ हुआ, वह एक हादसा था. सभी लोगों का यही कहना है. इसे राजनीति के चश्मे से नहीं देखना चाहिए. ममता जी और हम जनता की अदालत में जा रहे हैं.’
गडकरी का यह बयान ऐसे समय आया है जब चुनाव आयोग ने एक दिन पहले कहा है कि इस बात को कोई प्रमाण नहीं मिला है कि नंदीग्राम में ममता बनर्जी पर हमला हुआ. नंदीग्राम में ममता पर हुए कथित हमले से जुड़ी रिपोर्टों को देखने के बाद ईसी ने रविवार को कहा कि इस बात को कोई प्रमाण नहीं मिला है कि हमले की वजह से मुख्यमंत्री को चोटें आईं.
गत 10 मार्च को ममता ने नंदीग्राम सीट के लिए हल्दिया में अपना पर्चा दाखिल किया. शाम के वक्त वह इलाके में लोगों से संपर्क अभियान में जुटी थीं. वह अपनी कार के दरवाजे के पास खड़ी होकर लोगों का अभिवादन कर रही थीं इसी दौरान हादसा हो गया.
इस घटना में चोट पहुंचने पर ममता ने कहा कि चार-पांच लोगों ने उन्हें धक्का दिया. जबकि प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि उन पर कोई हमला नहीं हुआ, यह एक सामान्य दुर्घटना थी. टीएमसी ने इसे एक बड़ा मुद्दा बनाते हुए भाजपा पर हमले का आरोप लगाया. टीएमसी नेता चुनाव आयोग गए और ममता के खिलाफ साजिश का आरोप लगाते हुए इसकी जांच की मांग की. टीएमसी के आरोपों पर भाजपा भी चुनाव आयोग गई और मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की.
चोटिल होने के बाद ममता नंदीग्राम से कोलकाता के लिए रवाना हो गईं. अस्पताल से जारी अपने एक वीडियो में उन्होंने कहा कि चुनाव अभियान के दौरान वह जख्मी हो गईं. उनके सीने एवं पैर में तकलीफ है. मुख्यमंत्री ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से शांति बनाए रखने की अपील की.
मुख्यमंत्री ने यह नहीं कहा कि उन पर हमला हुआ. हादसे के बाद ममता रविवार को पहली बार वीलचेयर पर सबके सामने आईं. समझा जाता है कि वह वीलचेयर पर बैठकर ही चुनाव प्रचार करेंगी. पश्चिम बंगाल में विधानसभा की 294 सीटों के लिए आठ चरणों में मतदान होगा. नंदीग्राम सीट पर ममता का मुकाबला भाजपा के उम्मीदवार सुवेंदु अधिकारी से है.