नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड के 14वें केस में गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाया. कोर्ट ने दीपिका उर्फ पायल की रेप के बाद हत्या में सुरेंद्र कोली को मृत्युदंड (फांसी) और हृयूमन ट्रैफिकिंग में मोनिंदर सिंह पंढेर को सात साल की सजा सुनाई है.
विशेष अदालत का यह फैसला इस हत्याकांड के करीब 16 साल बाद आया है. अब तक कुल 14 मुकदमों में सजा सुनाई जा चुकी है, जिसमें कोली को 12 और पंढेर को 2 मुकदमों में फांसी की सजा मुकर्रर हुई है.
उत्तराखंड में ऊधमसिंह नगर जनपद निवासी नंदलाल नौकरी के वास्ते साल-2005 में यूपी के जिला गौतमबुद्धनगर में आया था. इस दौरान नंदलाल की बेटी दीपिका उर्फ पायल भी अपने लिए नौकरी तलाशने लगी. आरोप है कि 7 मई 2006 को पायल नौकरी के लिए मोनिंदर सिंह पंढेर की कोठी पर आई, लेकिन वापस घर नहीं पहुंची.
पिता नंदलाल ने 8 मई 2006 को नोएडा के थाना सेक्टर-20 में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई. कोर्ट के आदेश पर यह मुकदमा अपहरण की धाराओं में तरमीम हो गया, जिसमें मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को आरोपी बनाया गया था. पुलिस ने दोनों आरोपियों की निशानदेही पर दीपिका उर्फ पायल का कंकाल नोएडा में गांव निठारी स्थित डी-5 कोठी के नाले से बरामद किया था. साल-2007 से इस मुकदमे की सुनवाई गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट में चल रही थी.
मोनिंद सिंह पंढेर के अधिवक्ता देवराज सिंह ने बताया, इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने 17 मई को दोनों अभियुक्तों को दोषी करार दिया था. कोर्ट ने गुरुवार को सजा सुनाई है. इसमें सुरेंद्र कोली को अपहरण और रेप में उम्रकैद, हत्या में मृत्युदंड, आईपीसी सेक्शन 404 में 2 साल व आईपीसी सेक्शन 201 में 7 साल की सजा सुनाई है. जबकि मोनिंदर सिंह पंढेर को ह्यूमन ट्रैफिकिंग में 2 साल और धारा-5 में 7 साल की सजा सुनाई है.