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खालिस्तानी आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ एनआईए का बड़ा एक्शन, चंडीगढ़ और अमृतसर में संपत्ति जब्त

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सांकेतिक फोटो

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने खालिस्तान समर्थक और प्रतिबंधन संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के सदस्य और आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने उसकी चंडीगढ़ और अमृतसर में संपत्ति जब्त कर ली है. बता दें कि पन्नू अमृतसर का रहने वाला है और भारत उसे खालिस्तानी आतंकी घोषित कर रखा है.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) 1967 की धारा 33 (5) के तहत पन्नू से संबंधित अचल संपत्तियों को जब्त करने के लिए एक विशेष अदालत का दरवाजा खटखटाया था.

मालूम हो कि अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन आदि में विदेशी राष्ट्रीयता के कुछ कट्टरपंथी सिखों द्वारा संचालित प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 3 (1) के प्रावधानों के तहत गैरकानूनी घोषित किया गया था.

भारत सरकार ने अपनी 10 जुलाई, 2019 की अधिसूचना द्वारा सिख फॉर जस्टिस को गैरकानूनी संगठन घोषित किया था और इस पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था. इसके अलावा भारत सरकारन ने कहा था कि संगठन का प्राथमिक उद्देश्य पंजाब में एक ‘स्वतंत्र और संप्रभु देश’ स्थापित करना था और यह खुले तौर पर खालिस्तान का समर्थन करता है. संगठन भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देती है.

कई एजेंसियों ने पन्नू के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं. पन्नू को UAPA की चौथी अनुसूची के तहत ‘व्यक्तिगत आतंकवादी’ घोषित किया गया है. खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने के कनाडा के आरोपों पर नई दिल्ली और ओटावा के बीच राजनयिक स्तर पर गिरावट के बीच यह कार्रवाई की गई है.

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा निज्जर की हत्या में ‘भारत सरकार के एजेंटों’ की संलिप्तता का आरोप लगाने के बाद दोनों देशों ने इस सप्ताह की शुरूआत में एक-एक वरिष्ठ राजनयिक को निष्कासित कर दिया था. भारत ने ट्रूडो के दावों को बेतुका कहकर सिरे से खारिज कर दिया.

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