लंदन|…. ब्रिटेन के केंट इलाके में सबसे पहली बार मिले कोरोना के नए स्ट्रेन को लेकर एक ब्रिटिश वैज्ञानिक चिंता जाहिर की है. यूके जेनेटिक सर्विलांस प्रोग्राम की हेड शैरॉन पीकाक ने आशंका जाहिर की है कि इस स्ट्रेन पर हालिया वैक्सीन निष्प्रभावी भी हो सकती हैं. उन्होंने यह भी कहा है कि ये स्ट्रेन हाल तक यूके में तबाही मचा रहा था लेकिन ये पूरी दुनिया में भी बेहद तेजी के साथ फैलने की ताकत रखता है.
ब्रिटेन में जो स्ट्रेन मिला है, वो मूल जेनेटिक मटेरियल के साथ तो है, साथ ही ज्यादा मजबूत है. ये वायरस तेजी से फैलता है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक नया प्रकार दक्षिणपूर्व ब्रिटेन में दिखा. दिसंबर में जब इस हिस्से में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े, तब वैज्ञानिकों की इस बात पर नजर गई. पता चला कि नया वायरस मरीजों में सितंबर से ही सक्रिय था.
नए वायरस को स्टडी कर रहे वैज्ञानिकों ने पाया कि कोरोना वायरस शुरुआत से अब तक 23 बार म्यूटेशन की प्रक्रिया से गुजर चुका है. बीच के काफी सारे म्यूटेशन में वायरस खतरनाक नहीं हुआ, वहीं ये नया प्रकार संक्रमण की दृष्टि से काफी घातक माना जा रहा है.
नए कोरोना वायरस में कांटेदार संरचना 8 बार म्यूटेशन से गुजरकर 8 गुनी ज्यादा कांटेदार हो चुकी है. नए वायरस में जो कांटेदार संरचना ज्यादा होती है, उसके जरिए वो शरीर में और आसानी से घुस जाता है.
कोरोना की यह कांटेदार संरचना ही उसे हमारे लिए ज्यादा घातक बना चुकी है. इसी लाइन को लेकर दुनिया के तमाम वैज्ञानिकों ने वैक्सीन तैयार की, जो कोरोना की कांटेदार संरचना पर वार करके उसे हमारे शरीर की कोशिकाओं से जुड़ने से रोक सके.
साभार-न्यूज़ 18