लगभग 9 महीने पहले जब यह महामारी हमारे देश में दस्तक दे रही थी उस समय प्रत्येक नागरिक एक ही सवाल पूछ रहा था कि इससे छुटकारा कब मिलेगा. लेकिन इस बात का किसी के पास जवाब नहीं था. ‘अटकलों का बाजार गर्म था’. इस महामारी के कुछ जानकार और जिम्मेदार लोग कुछ कह पाने में अपने आप को तैयार नहीं कर पा रहे थे.
देश ही नहीं दुनिया के तमाम देशों के लोगों ने इस खतरनाक वायरस के आगे कई महीने जिंदगी दहशत में गुजारी। ‘बीच-बीच में कई बार ऐसा लगा कि यह महामारी अब खत्म होने के कगार पर है, लेकिन उसी समय यह अपना एक बार फिर उग्र रूप दिखाती रही जिससे लोगों में डर का माहौल बना रहा. खैर ! यह तो बीती हुई बातें हैं. अभी चंद दिन पहले एक बार फिर से उम्मीद बंधी कि अब जल्द ही सब कुछ सामान्य हो चला है.
‘केंद्र, राज्य सरकारें और स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ खबरनवीस कोरोना महामारी को लेकर जब-जब राहत की बात सुनाने लगते हैं तो लगता कि यह महामारी अब धीरे-धीरे शांत होने लगी है, इसी उम्मीद के साथ लोगों में जिंदगी पटरी पर लौटने की एक आस भी जाग जाती है’. पिछले 10 दिनों से भारत समेत कई देशों में संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी के साथ घटती जा रही है. हमारे देश में लगभग हर दिन पिछले सप्ताह से औसतन 20 हजार के आसपास संक्रमित मरीज मिल रहे हैं.
‘मामले घटने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन लगातार उत्साहित हैं। दो दिन पहले रविवार को हर्षवर्धन ने देश में कोरोना वैक्सीन लगाने को लेकर बड़ा एलान करते हुए कहा कि अगले माह जनवरी से ही देशवासियों को टीका लगाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी’. इसके साथ ही विश्व के कई देश अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, रूस और जर्मनी समेत कई देश अपने नागरिकों को टीका लगाने की तैयारी में जुटे हुए हैं.
‘बता दें कि कुछ देशों में वैक्सीन लगाने का काम शुरू भी हो चुका है’. पिछले दिनों जब भारत के साथ कई देशों को यह खबर लगती है कि इस बार ‘ब्रिटेन से एक नए कोरोना स्ट्रेन’ ने दहशत मचा दी है. एक बार भारत समेत कई देशों के लोग सहमें हैं.
इस नए वायरस के खतरनाक रूप से केंद्र और राज्य सरकारों में एक बार फिर से हड़कंप है. यहां हम आपको बता दें कि इससे पहले दुनिया भर के लोग इस वायरस के फैलने पर चीन को दोषी मान रहे थे, अब उनके निशाने पर ब्रिटेन आ गया है.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार