काठमांडू|…. नेपाल की शेर बहादुर देउवा सरकार ने वहां शादी करने वाली भारतीय महिलाओं के लिए एक और सहूलियत वाला कानून बना दिया है. पहले भारतीय महिलाओं को शादी करने के बाद नेपाल के कोर्ट में नाता प्रमाणित कराना होता था.
अदालत से मंजूरी मिलने के बाद ही स्थानीय नगर पालिका या गांव पालिका में विवाह दर्ता दर्ज हो पाता था. लेकिन अब वहां की सरकार ने राष्ट्रीय परिचय पत्र तथा पंजीकरण नियमावली की धारा 16(6) में परिवर्तन करते हुए अदालत से नाता प्रमाणित करने वाले नियम को हटा दिया है.
अब कोई भी भारतीय महिला जो किसी नेपाली नागरिक से शादी करती है तो उसे सीधे अपने गांव पालिका या नगरपालिका के वार्ड दफ्तर में ही विवाह दर्ता का पत्र मिल जाएगा. दरअसल, नेपाल की पिछली कम्यूनिष्ट सरकार ने भारतीय महिलाओं के राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों में कटौती कर दी थी.
साथ ही नेपाली नागरिक से शादी करने वाली भारतीय महिला को सात साल तक नागरिकता का प्रमाण पत्र लेने का इंतजार करने जैसे कठोर कानून बना दिया था. हालांकि, अत्यन्त विरोध के बाद सात साल वाला कानून वापस लेना पडा था.
माओवादी जैसी सत्तारूढ कम्यूनिष्ट पार्टी अब भी इस बात की मांग कर रहे हैं कि नेपाल में शादी करके आई महिलाओं को कम से कम सात साल के बाद ही नागरिकता दी जाए.