टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले भारतीय भालाफेंक स्टार नीरज चोपड़ा को प्रतिष्ठित लॉरेस विश्व खेल पुरस्कार में ‘ब्रेकथ्रू पुरस्कार’ के लिये नामांकित किया गया है जिसमें एम्मा राडूकानू और सिमोन बिलेस समेत छह खिलाड़ी दौड़ में हैं.
ये पुरस्कार अप्रैल में एक वर्चुअल समारोह में दिये जायेंगे. इस साल पुरस्कारों के सात वर्गों के लिये नामांकन दुनिया भर के 1300 से अधिक प्रमुख खेल पत्रकारों और प्रसारकों ने चुने हैं. विजेता का चयन लॉरेस विश्व खेल अकादमी मतदान के द्वारा करेगी जिसमें 71 महान खिलाड़ी शामिल हैं.
ओलंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा का स्वर्ण जीतने वाले चोपड़ा निशानेबाज अभिनव बिंद्रा के बाद दूसरे भारतीय हैं. बिंद्रा ने 2008 बीजिंग ओलंपिक में पीला तमगा जीता था. टोक्यो में ओलंपिक खेलों में पदार्पण करने वाले 23 वर्ष के चोपड़ा ने 87.58 मीटर के थ्रो के साथ पहला स्थान हासिल किया.
लॉरेस पुरस्कार के लिये नामांकन पाने वाले वह विनेश फोगाट (2019) और सचिन तेंदुलकर (2000-2020 खेल का सर्वश्रेष्ठ पल पुरस्कार) के बाद तीसरे भारतीय हैं. तेंदुलकर को 2011 विश्व कप जीतने के बाद भारतीय खिलाड़ियों द्वारा कंधे पर बिठाकर मैदान का चक्कर लगाये जाने के लिये यह पुरस्कार मिला था.
तेंदुलकर ने जब 2011 में विश्वकप जीता था तब चोपड़ा ने परिवार के दबाव में अपनी फिटनेस बेहतर करने के लिये जिम जाना शुरू ही किया था. वहीं से उनमें भालाफेंक के प्रति रूचि जागी और 2016 अंडर 20 विश्व चैम्पियनशिप में उन्होंने स्वर्ण पदक जीतकर अपने कैरियर का आगाज किया.