पीएम मोदी ने कोविड-19 टीकाकरण अभियान को लेकर राज्य के मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद किया. इस दौरान पीएम मोदी ने बताया कि पहले किसे कोरोना वायरस वैक्सीन दी जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ये सुनिश्चित करना होगा कि अफवाहों, वैक्सीन से जुड़े अपप्रचार को कोई हवा न मिले.
देश और दुनिया के अनेक शरारती तत्व हमारे अभियान में रुकावटे डालने की कोशिश कर सकते हैं. ऐसी हर कोशिश को, देश के हर नागरिक तक सही जानकारी पहुंचाकर हमें नाकाम करना है.
यहां पढ़ें टीकाकरण को लेकर पीएम मोदी की 10 प्रमुख और बड़ी बातें:
हमारा देश कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक निर्णायक चरण में प्रवेश कर रहा है. ये चरण है वैक्सीनेशन का. 16 जनवरी से हम दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू कर रहे हैं
सबसे पहले फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण होगा. पहले चरण में तीन करोड़ कोरोना योद्धाओं, अग्रिम कर्मियों के टीकाकरण का खर्च राज्य नहीं केंद्र वहन करेगा. इसके साथ साथ हमारे जो सफाई कर्मचारी हैं, दूसरे फ्रंट लाइन वर्कर्स हैं, सैन्य बल हैं, पुलिस और केंद्रीय बल हैं, होमगार्ड्स हैं, डिजास्टर मैनेजमेंट वोलेंटियर्स समेत सिविल डिफेंस के जवान हैं, कंटेन्मेंट और सर्विलांस से जुड़े कर्मचारियों को पहले चरण में टीका लगाया जाएगा.
दूसरे चरण में 50 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को और 50 वर्ष से नीचे के उन बीमार लोगों को जिनकों संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा है, उनको टीका लगाया जाएगा.
दुनिया के 50 देशों में तीन-चार सप्ताह से वैक्सीनेशन का काम चल रहा है, लेकिन अब भी करीब-करीब 2.5 करोड़ वैक्सीन हो पाई है. हम अगले कुछ महीने में 30 करोड़ नागरिकों को टीकाकरण का लक्ष्य हासिल कर लेंगे.
हमारे वैज्ञानिकों, चिकित्सा विशेषज्ञों ने देश के नागरिकों को असरदार टीका मुहैया कराने के लिए सभी ऐहतियातों का ध्यान रखा है.
भारत में निर्मित दो टीकों को पहले ही अनुमति मिल चुकी है, देश में चार और टीके पेश किए जाने पर काम चल रहा है.
भारत में मंजूर कोविड-19 से बचाव के दोनों टीके विदेशी टीकों की तुलना में बेहद किफायती हैं और हमारी जरूरतों के अनुरूप इन्हें विकसित किया गया है.
राज्यों को सुनिश्चित करना चाहिए कि टीकाकरण के संबंध में किसी भी तरह की अफवाह ना फैले. इसमें सामाजिक, धार्मिक समूहों को शामिल करने की जरूरत होगी.
यदि कोविड वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट होता है तो हमने मरीजों के लिए आवश्यक तैयारी की है. हमारे पास पहले से ही इस तरह की स्थितियों के लिए यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम के तहत एक तंत्र है. हमने इसे विशेष रूप से COVID टीकाकरण के लिए मजबूत किया है.
इस टीकाकरण अभियान में सबसे अहम उनकी पहचान और मॉनीटरिंग का है जिनको टीका लगाना है. इसके लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए को-विन नाम का एक डिजिटल प्लेटफॉर्म भी बनाया गया है.