राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार भारत में 2019 में हर दिन औसतन 381 लोगों ने आत्महत्या की. इस तरह पूरे साल में कुल 1,39,123 लोगों ने अपनी जान ले ली. एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, 2018 के मुकाबले 2019 में आत्महत्या के मामलों में 3.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
पिछले साल जहां 1,39,123 लोगों ने आत्महत्या की. 2018 में 1,34,516 लोगों ने और 2017 में 1,29,887 लोगों ने खुदकुशी कर ली. सुसाइड के 49.5 मामले सिर्फ पांच राज्यों में, जबकि 50.5 प्रतिशत मामले 24 राज्य और 7 केंद्रशासित राज्यों में सामने आए.
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, भारत में प्रति एक लाख जनसंख्या पर आत्महत्या की दर में 2018 की तुलना में इस साल 0.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई. शहरों में सुसाइड की दर 13.9 प्रतिशत रही, यह पूरे देश में सुसाइड की दर 10.4 प्रतिशत से काफी ज्यादा है.
2017 में 1 लाख 29 हजार 887, जबकि 2018 में 1 लाख 34 हजार 516 सुसाइड रिकॉर्ड किए गए थे. सुसाइड की दर (1 लाख की जनसंख्या पर) में भी 2018 की तुलना में इस साल 0.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई. शहरों में सुसाइड की दर 13.9 प्रतिशत रही, यह पूरे देश में सुसाइड की दर 10.4 प्रतिशत से काफी ज्यादा है.
साल 2019 में सबसे ज्यादा इन राज्यों में हुए सुसाइड
राज्य सुसाइड कुल केस का प्रतिशत
महाराष्ट्र 18,916 13.6 प्रतिशत
तमिलनाडु 13,493 9.7 प्रतिशत
प. बंगाल 12,665 9.1 प्रतिशत
मध्यप्रदेश 12,457 9.0 प्रतिशत
कर्नाटक 11,288 8.1प्रतिशत
100 लोगों में 70.2 प्रतिशत पुरुष और 29.8 प्रतिशत महिलाएं
एनसीआरबी के डाटा के मुताबिक, 100 लोगों में 70.2प ्रतिशत पुरुष और 29.8 प्रतिशत महिलाओं ने आत्महत्या की. फांसी से 53.6 प्रतिशत, जहर खाने से 25.8 प्रतिशत, डूबने से 5.2प्रतिशत और आत्मदाह के जरिए 3.8 प्रतिशत लोगों ने सुसाइड किया.
आत्महत्याओं के 32.4 प्रतिशत मामलों के पीछे पारिवारिक विवाद
एनसीआरबी के डाटा के मुताबिक, इनमें से आत्महत्याओं के 32.4 प्रतिशत मामलों के पीछे पारिवारिक विवाद कारण था. 5.5 प्रतिशत सुसाइड के पीछे शादी और 17.1 प्रतिशत सुसाइड के पीछे बीमारी को अहम वजह बताया गया. सुसाइड करने वाले हर 100 लोगों में 70.2 प्रतिशत पुरुष और 29.8 प्रतिशत महिलाएं शामिल थीं.
यूपी में 3.9 प्रतिशत सुसाइड
यूपी में 3.9 प्रतिशत सुसाइड डाटा में बताया गया कि इन 5 राज्यों में देश के कुल सुसाइड के 49.5 प्रतिशत मामले रिकॉर्ड हुए. जनसंख्या के आधार पर काफी बड़ा प्रदेश उत्तर प्रदेश में इस दौरान सिर्फ 3.9 प्रतिशत सुसाइड रिकॉर्ड किए गए.
मास या फैमिली सुसाइड के सबसे ज्यादा मामले तमिलनाडु (16), आंध्र प्रदेश (14), केरल (11), पंजाब (9) और राजस्थान (7) में सामने आए.
साभार न्यूज़ 18