मुंबई| सोमवार को राकांपा के वरिष्ठ नेता नवाब मालिक ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख का बचाव किया. मलिक ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का यह दावा कि देशमुख क्वरंटाइन में रहते हुए पुलिस अधिकारियों से मिले अथवा प्रेस कॉन्फ्रेंस की, पूरी तरह से बेबुनियाद है.
राकांपा नेता ने कहा, ‘देवेंद्र फड़णवीस का यह दावा कि देशमुख ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, पूरी तरह से झूठ है. गत 15 फरवरी को देशमुख जब अस्पताल से डिस्चार्ज हुए तो वहां बाहर कुछ पत्रकार थे. वे देशमुख से बात करना चाहते थे लेकिन गृह मंत्री ने कुछ कमजोरी महसूस की. इसके बाद देशमुख वहां एक कुर्सी पर बैठ गए जिसके बाद उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए.’
एक न्यूज चैनल के साथ बातचीत में नवाब मलिक ने कहा, ‘क्वरंटाइन में रहते हुए मंत्री ने किसी पुलिस अधिकारी से मुलाकात नहीं की. कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं हुई. अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद देशमुख चार्टर्ड प्लेन से मुंबई पहुंचे और अपने घर में 27 फरवरी तक क्वरंटाइन में रहे. चूंकि, परमबीर सिंह का तबादला हुआ है तो वह अब कई तरह की बातें कर रहे हैं. वह ऐसा क्यों कह रहे हैं, इसके बारे में हमें पता है. वह दिल्ली गए. वहां पर वह किससे मिले और उनसे क्या कहा गया. ये सारी बातें हमें पता हैं. इसके बारे में सही समय आने पर हम आपको बताएंगे.’
सिंह के तबादले पर राकांपा नेता ने कहा, ‘किसी अधिकारी का तबादला मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री का प्रशासनिक निर्णय होता है. सुप्रीम कोर्ट पहुंचने और न्याय मांगने का सभी का अधिकार है. हम देखेंगे कि उन्हें शीर्ष अदालत से क्या न्याय मिलता है.’ एंटीलिया बम केस पर मलिक ने कहा कि एनआईए और एटीएस दोनों इस मामले की जांच कर रहे हैं.
मलिक से पहले राकांपा सुप्रीमो शरद पवार गृह मंत्री देशमुख का बचाव करते नजर आए. उन्होंने परमबीर सिंह के पत्र की टाइमिंग पर सवाल उठाए. सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे गए पत्र में दावा किया है कि देशमुख ने सचिन वाजे को 100 करोड़ रुपए जुटाने का टार्गेट दिया था. इस मामले में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए राकांपा सुप्रीमो ने कहा कि देशमुख के इस्तीफे का सवाल पैदा नहीं होता.
पवार ने कहा कि चिट्ठी में देशमुख और वाजे के बीच मुलाकात के जिस समय का उल्लेख किया गया है उस वक्त देशमुख अस्पताल में थे. वहीं, भाजपा इस पूरे मामले को लेकर आक्रामक है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने देशमुक की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो शेयर कर राकांपा सुप्रीमो के बयान पर सवाल खड़े किए.
वहीं, 100 करोड़ रुपए के टॉर्गेट मामले को लेकर सिंह सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. उन्होंने इस मामले की जांच कराने की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट सिंह की अर्जी पर कोई फैसला कर सकता है. इस पूरे मामले ने महाराष्ट्र की अघाडी सरकार पर दबाव बना दिया है.