क्रूज ड्ग्स केस में आर्यन खान कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहे हैं. उनकी जमानत अर्जी पर बांबे हाईकोर्ट में आज भी सुनवाई होनी है. लेकिन उससे कुछ अलग हटकर एक और लड़ाई जारी है जिसके केंद्र में एनसीपी के कद्दावर नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक हैं तो दूसरी तरफ एनसीबी के जोनल डॉयरेक्टर समीर वानखेड़े हैं.
नवाब मलिक ने मंगलवार को 26 चिट्ठियों के जरिए निशाना साधा और बताया कि किस तरह से समीर वानखेड़े मे जाली बर्थ सर्टिफिकेट और कास्ट सर्टिफिकेट के जरिए नौकरी हासिल की. हालांकि समीर वानखेड़े का कहना है कि वो अपना जवाब अदालत के सामने रख चुके हैं.
गुरुवार 7 दिसंबर 2006 को रात 8 बजे, लोखंड वाला परिसर, अंधेरी (पश्चिम) मुंबई में समीर दाऊद वानखेड़े और सबना कुरैशी के बीच एक निकाह किया गया.
मेहर की रकम 33000 रुपये थी. गवाह नंबर 2 अजीज खान समीर दाऊद वानखेड़े की बड़ी बहन यास्मीन दाऊद वानखेड़े का पति था.
नवाब मलिक ने कहा कि मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि मैं जिस मुद्दे को समीर दाऊद वानखेड़े को उजागर कर रहा हूं, वह उसके धर्म का नहीं है.मैं उन कपटपूर्ण साधनों को प्रकाश में लाना चाहता हूं जिनके द्वारा उन्होंने आईआरएस की नौकरी पाने के लिए जाति प्रमाण पत्र प्राप्त किया है और एक योग्य अनुसूचित जाति के व्यक्ति को उसके भविष्य से वंचित किया है.
बता दें कि समीर वानखेड़े पर वसूली के जो आरोप लगे हैं उस संबंध में एनसीबी की विजिलेंस टीम जांच कर रही है. इस संबंध में मुंबई में उनसे पूछताछ होनी है. एनसीबी के डीडीजी ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा कि एजेंसी पूरी तरह पारदर्शी है. अगर किसी तरह के आरोप लगाए गए हैं तो उसकी सत्यता की जांच की जा रही है. जहां तक राजनीतिक दलों के नेताओं की बयानबाजी का सवाल है तो वो कुछ भी बोलने के लिए स्वतंत्र है. लेकिन एजेंसी कानूनी बंधनों से बंधी हुई है.