सोमवार को पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू उत्तर प्रदश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के खिलाफ राजभवन के बाहर प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे, उसी दौरान उन्हें पार्टी विधायकों के साथ हिरासत में ले लिया गया.
सिद्धू, मदनलाल जलालपुर, गुरप्रीत सिंह समेत कांग्रेस के अन्य विधायक और पंजाब युवा कांग्रेस के कई सदस्य राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के आवास के बाहर धरने पर बैठ गए और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ नारेबाजी की.
उन्होंने लखीमपुर खीरी में हुई घटना में कथित संलिप्तता के लिए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे की गिरफ्तारी की मांग की.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान रविवार को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया इलाके में भड़की हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी.
हिंसा के सिलसिले में मिश्रा के बेटे और कई अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
प्रदर्शनकारियों ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को हिरासत में रखने और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की किसानों के खिलाफ कथित टिप्पणी की भी निंदा की.
खट्टर ने रविवार को यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) किसान मोर्चा की एक बैठक के दौरान कथित तौर पर ‘जैसे को तैसा’ संबंधी टिप्पणी की थी और उन्होंने वहां मौजूद लोगों से 500 से 1000 लोगों का समूह बनाने और जेल जाने के लिये भी तैयार रहने को कहा था.
चंडीगढ़ पुलिस ने सिद्धू और अन्य प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया और उन्हें राजभवन के बाहर से एक बस में बैठाकर ले गई.