बुधवार को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने बुधवार को कहा कि वह एक मकसद को लेकर राजनीति में आए और वह मुद्दों की राजनीति करना चाहते हैं.
सिद्धू ने कहा कि वह ‘हक और सच की लड़ाई आखिरी दम तक लड़ते रहेंगे.’ कांग्रेस नेता ने कहा कि वह हाई कमान को गुमराह नहीं कर सकते. वह किसी भी कुर्बानी के लिए तैयार हैं. उन्हें इस बारे में ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है. हालांकि, सिद्धू ने सीएम चन्नी से पूछा कि उन्होंने दागी अफसरों को सिस्टम में जगह क्यों दी?
मंगलवार को अचानक अपने पद से इस्तीफा देने वाले सिद्धू ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया है. इस वीडियो में उन्होंने कहा है कि सच्चाई के लिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी. कांग्रेस नेता ने कहा है कि उनकी लड़ाई पंजाब की भलाई के लिए है और इस पर वह कभी समझौता नहीं कर सकते.
सिद्धू ने कहा कि ‘वह अपने लिए कभी लड़ाई नहीं लड़ते.’ उन्होंने कहा, ‘मैं कभी हाई कमान को गुमराह नहीं कर सकता. मैं किसी भी त्याग के लिए तैयार हूं. मैंने पंजाब के लोगों से जुड़े मुद्दों पर लड़ाई लड़ी है….लेकिन यहां दागी नेताओं एवं अफसरों की एक व्यवस्था बनाई गई है. आप फिर से उसी सिस्टम को दोबारा नहीं ला सकते.’
पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन सिद्घू के इस्तीफे के बाद राज्य में कांग्रेस के लिए संकट एक बार फिर बढ़ गया है. पंजाब कांग्रेस में लंबे समय से कैप्टन अमरिंदर सिंह और सिद्धू के बीच चल रहे टकराव से कांग्रेस अभी किसी तरह से निजात पाई थी लेकिन सिद्धू के त्यागपत्र के बाद वह फिर मुश्किलों से घिर गई है. सिद्धू के बाद चन्नी सरकार में मंत्री रजिया सुल्तान ने भी पूर्व क्रिकेटर के साथ एकजुटता जाहिर करते हुए इस्तीफा दे दिया. अपने नेताओं के इस्तीफे बाद कांग्रेस इस संकट को सुलझाने की कोशिश कर रही है.