ताजा हलचल

भारत में अमीर-गरीब के बीच बढती खाई, अंग्रेजों के राज से भी ज्यादा असमानता !

सांकेतिक फोटो
Advertisement

दुनिया की 6 वीं अर्थव्यवस्था होने के बावजूद भारत दुनिया के उन देशों में शामिल हैं, जहां गंभीर असमानता है. विश्व असमानता रिपोर्ट 2022 के अनुसार भारत में एक ओर गरीबी बढ़ रही है तो दूसरी ओर एक समृद्ध वर्ग और ऊपर बढ़ता जा रहा है.

साल 2021 पर आधारित इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के शीर्ष 10 फीसदी आबादी की इनकम भारत की कुल इनकम का 57 फीसदी है. उसके अनुसार जहां वर्ष 2021 में एक फीसदी आबादी के पास राष्ट्रीय आय का 22 फीसदी हिस्सा है, वहीं कम आय वाले 50 फीसदी आबादी के पास केवल 13 फीसदी है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत अब दुनिया के उन देशों की सूची में शामिल हो गया है, जहां गंभीर असमानता है. भारत की वयस्क आबादी की औसत नेशनल इनकम 2,04,200 रुपये है. लेकिन 50 फीसदी की आबादी की इनकम केवल 53,610 रुपये है. वहीं शीर्ष 10 फीसदी आबादी की इनकम इससे करीब 20 गुना (11,66,520 रुपये) अधिक है.

यही नहीं इस 10 फीसदी आबादी के पास कुल नेशनल इनकम का 57 फीसदी हिस्सा है. असमानता का आलम यह है कि देश की एक फीसदी आबादी के पास कुल नेशनल इनकम का 22 फीसदी हिस्सा है. वहीं, नीचे से 50 फीसदी आबादी की इसमें हिससेदारी मात्र 13 फीसदी है. भारत में औसत घरेलू संपत्ति 9,83,010 रुपये है.

सबसे चौंकाने वाली बात इस रिपोर्ट में यह आई है कि अंग्रेजों के शासन के समय (1857-1947) भारत के 10 फीसदी अमीरों के पास देश की कुल आय में 50 फीसदी हिस्सेदारी थी. जबकि ताजा रिपोर्ट में यह हिस्सेदारी 57 फीसदी हो गई है. रिपोर्ट मे कहा गया है कि आजादी के बाद, समाजवाद पर आधारित पंचवर्षीय योजनाओं ने इस असामनता को घटाकर 35-40 फीसदी के स्तर पर ला दिया था.

लेकिन 1980 के दशक के मध्य से उदारीकरण के समर्थन वाली नीतियों ने असमानता में बड़ी बढ़ोतरी कर दी है. इस दौरान लोगों की इनकम और संपत्ति में भारीअसमानता देखी गई. इस दौरान सबसे ज्यादा शीर्ष पर मौजूद एक फीसदी आबादी को फायदा हुआ. इस अवधि में मध्यम वर्ग और निम्न आय वर्ग के लोगों को विकास का कम फायदा मिला.

संपत्ति में भी भारी असमानता

आय की तरह देश की संपत्ति में वितरण में भी भारी असमानता दिख रही है. रिपोर्ट के अनुसार भारत में औसतन एक घर के पास 9,83,010 रुपये की संपत्ति है. जो कि चीन से करीब ढाई गुना कम है. वहीं अगर संपत्ति के वितरण को देखा जाय तो देश की 50 फीसदी आबादी जो कि निचले स्तर पर है, उसकी कुल संपत्ति में केवल 6 फीसदी हिस्सेदारी है. उसकी औसत आय केवल 66,280 रुपये है. वहीं मध्यम वर्ग को देखे तो वहां भी भारी असमानता है. उसकी औसत आय 723,930 रुपये है और उसकी देश की कुल संपत्ति मं 29.5 फीसदी हिस्सेदारी है. वहीं अगर देश की 10 फीसदी अमीर की संपत्ति देखी जाय तो उसके पास 65 फीसदी संपत्ति है.

Exit mobile version