ताजा हलचल

राजस्थान: एसडीएम को थप्पड़ जड़ने के बाद मीडिया के सामने आए नरेश मीणा, गिरफ़्तारी के बाद हो गए थे फरार

0

राजस्थान में बीते दिन हुए उपचुनाव के दौरान देवली-उनियारा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा ने राजस्थान के एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ जड़ दिया. इस थप्पड़ कांड के बाद इलाके में भारी बवाल मच गया. वहीं, इस घटना के बाद से आरएएस एसोशिएश ने नरेण मीणा की गिरफ्तारी की मांग करने लगे. जिसके बाद मीणा को गिरफ्तार किया गया, लेकिन पुलिस के सामने से उनके समर्थकों ने उन्हें छुड़ा लिया और इलाके में हिंसक झड़प हो गई.

घटना में आगजनी, तोड़फोड़ की गई. जिसके बाद बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात की गई है. आज किसी भी समय नरेश मीणा को गिरफ्तार किया जा सकता है. घटना के बाद से अब तक इस पर किसी भी नेता की प्रतिक्रिया नहीं आई है. इलाके में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस, एटीएसफ की तैनाती की गई है.

वहीं, कल की घटना के बाद नरेश मीणा मीडिया के सामने आए और उन्होंने अपनी बात रखी है. मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि सुबह 7 बजे बूथों पर जाने का मेरा प्लान था. मेरे को गांव वालों ने 9 बजे इसकी सूचना दी. मैं 9 बजे पहुंचा. कलेक्टर से मेरी बात हुई की मेरा बैलेट पेपर धुंधला दिख रहा है.

पूरा प्रशासन बीजेपी के कैंडिडेट को जीताने के लिए काम कर रहा था. मैंने जब कलेक्टर नहीं आई तो मैंने प्रशासनिक अधिकारी से बात की. मैंने फिर एसडीएम से बात की. उस एसडीएम ने तीन लोगों से फर्जी वोट डलवाया. मुझे पता लगा कि जबरदस्ती वोटिंग की जा रही है. जिसके बाद मैंने एसडीएम को थप्पड़ जड़ा. उसके बाद हमने धरना प्रदर्शन किया. 3 बजे तक कलेक्टर नहीं आई. फिर हमें लगा कि ये लोग जानकर ऐसा कर रहे हैं ताकि हमारा वोट ना डलें. जिसके बाद मैंने वोटर्स से अपील कि आप लोग वोट डालो.

मैंने कलेक्टर को बुलाने के लिए कहा, एसपी 50 मीटर स्कूल में बैठा था, वह भी नहीं आया. हम लोग रात में भी धरना देने का सोचा. जब मैं खाना लेने गया तो पुलिस के एसपी ने हमें गाड़ी में बैठा लिया. तब पत्थराव हो गया. पत्थराव के समय सभी पुलिसवाले भाग गए. उसके बाद पुलिस ने हम पर कार्रवाई की.

इस बीच मुझे कुछ लोग उठाकर ले गए. तब तक हमें पता लग गया कि पुलिस ने गाड़ी में आग लगाई. सुबह उठते ही मैं आपके बीच में हूं. जिस भी लोगों को गिरफ्तार किया है. वह निर्दोष है. नुकसान की सरकार भरपाई करें. मुझे किसी से उम्मीद नहीं है. मुझे किरोड़ीलाल मीणा से न्याय की उम्मीद है. जो भी आर्थिक नुकसान इस गांव में हुआ है. उसकी भरपाई की जाए.

क्या है पूरा मामला
दरअसल, 13 नवंबर को हो रहे उपचुनाव के दौरान नरेश मीणा ने समरावता गांव में प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाया. उनका कहना है कि ईवीएम मशीन पर उनका चुनाव चिन्ह सही तरीके से नहीं दिख रहा था. जिसके बाद नेता जी और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच बहस शुरू हो गई. जैसे ही विवाद बढ़ा नरेश मीणा ने एसडीएम को थप्पड़ लगा दिया और प्रशासन के खिलाफ धरना देने बैठ गए. स्थिति पर काबू पाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया और नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया गया. नरेश मीणा ने सोशल मीडिया के जरिए लोगों को भड़काने की कोशिश की.

नरेश मीणा पर दर्ज हैं कई मामले
नरेश मीणा की बात करें उन पर 2004 से लेकर अब तक 15 से ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं. नरेश मीणा पर मारपीट, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और हंगामा करने के मामले में केस दर्ज किया गया है. अब आज नरेश मीणा की गिरफ्तारी के बाद जो भी नुकसान पहुंचाया गया है, उसकी भरपाई भी प्रशासनिक अधिकारी उनसे करवा सकते हैं.

Exit mobile version