रविवार को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वे धर्मनिरपेक्षता को अपना राजनीतिक साधन मानते हैं. उन्होंने इसे राष्ट्रीय जिम्मेदारी मानने के लिए अपनी ही पार्टी की सराहना की.
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नकवी ने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों ने धर्मनिरपेक्षता को अपना राजनीतिक हथियार बना लिया और संविधान के बुनियादी ढांचे को तोड़ दिया. भाजपा के लिए धर्मनिरपेक्षता संवैधानिक और राष्ट्रीय जिम्मेदारी है.
कांग्रेस पर हमला करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि आजादी के बाद से अल्पसंख्यक वोटों के राजनीतिक व्यापारियों ने अल्पसंख्यकों को धोखा देने के लिए चाल चली है और डर का माहौल पैदा करके, असहिष्णुता का दलदल बढ़ाकर, धर्म का जाल फैलाकर और अफवाहें फैलाकर उनका वोट हथियाने की साजिश रची है.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अल्पसंख्यकों सहित सभी वर्गों का गरिमा के साथ विकास सुनिश्चित करने के लिए ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के लिए प्रतिबद्ध है.
नकवी ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता के छद्म राजनीतिक समर्थकों ने अल्पसंख्यकों के सामाजिक-आर्थिक-शैक्षिक सशक्तिकरण की जानबूझकर उपेक्षा की. देश में सबसे अधिक समय तक सत्ता में रहने वाले राजनीतिक दलों ने अपनी राजनीतिक सुविधा के लिए धर्मनिरपेक्षता का उपयोग करके फूट डालो और राज करो का रास्ता अपनाया.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की आवास परियोजना से लाभान्वित होने वाले 2 करोड़ लोगों में से 31% अल्पसंख्यक हैं, जबकि 12 करोड़ किसानों को किसान सम्मान निधि दी जा रही है, उनमें से 33 फीसदी अल्पसंख्यक हैं.