नैनीताल| हाईकोर्ट ने रुद्रप्रयाग जिले की सिंगोली भटवाड़ी जल विद्युत परियोजना का निर्माण तय सीमा पर नहीं करने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद उत्तराखंड सरकार, भारत सरकार के जल शक्ति, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, सचिव ऊर्जा, उत्तरांचल हाइड्रो पॉवर को तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि कुमार मलिमथ एवं न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई.
प्रसिद्ध चिंतक डॉ. भरत झुनझुनवाला ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि वर्ष 2007 में पर्यावरण मंत्रालय ने सिंगोली भटवाड़ी परियोजना के लिए अनापत्ति प्रदान की थी.
परियोजना दस वर्ष में पूरी करनी थी, लेकिन 2013 में आई केदार आपदा में परियोजना बह गई.
इसके बाद कंपनी ने पुनर्निर्माण शुरू करने के साथ डिजाइन भी बदल दिया, जिससे पर्यावरणीय प्रभाव बढ़ गए. याचिका में कहा कि 2017 में पर्यावरण मंत्रालय ने कंपनी को दी गई अनापत्ति की अवधि तीन साल और बढ़ा दी.
प्रोजेक्ट को 24 मार्च 2020 तक पूरा होना था, जबकि बिजली उत्पादन 31 मार्च 2020 तक शुरू करना था. याचिकाकर्ता ने कहा कि तय तिथि बीत जाने के बाद भी निर्माण जारी है.
याचिका में प्रोजेक्ट निर्माण कार्य रोकने व शर्तों का उल्लंघन करने पर करार निरस्त करने की मांग की गई थी.