म्यांमार: सैन्य जुंटा ने आंग सान की पार्टी को किया भंग

म्यांमार की पूर्व नेता आंग सान सू-की की अपदस्थ सत्ताधारी पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) सहित 40 राजनीतिक दलों को मंगलवार को भंग कर दिया गया. इन दलों ने सेना के राजनीतिक प्रभुत्व को बनाए रखने के लिए कराए जा रहे आम चुनाव के लिए तय समय सीमा के भीतर पंजीकरण नहीं कराया.

इससे पहले जनवरी में, म्यांमार की सेना ने राजनीतिक दलों को आगामी चुनाव से पहले नए चुनावी कानून के तहत पंजीकरण कराने के लिए दो महीने का समय दिया था. हालांकि, सैन्य शासन का विरोध करने वालों का कहना है कि चुनाव न तो स्वतंत्र होंगे और न ही निष्पक्ष.

वहीं, सू-की की पार्टी एनएलडी ने चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की है. उसने चुनाव को अवैध करार दिया है. पार्टी के एक नेता ने कहा कि हम यह चुनाव कतई स्वीकार नहीं है, जब कई राजनीतिक नेताओं और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है. सेना द्वारा जनता को प्रताड़ित किया जा रहा है.

बता दें, नवंबर 2020 में हुए म्यांमार के संसदीय चुनावों में एनएलडी ने जीत हासिल की थी. लेकिन तीन महीने से भी कम समय के बाद म्यांमार की सेना ने तख्तापलट कर आंग सान सू की को कैद कर लिया था. म्यांमार की सेना ने तख्तापलट को सही ठहराते हुए कहा था कि चुनाव में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी हुई थी. हालांकि, स्वतंत्र चुनाव पर्यवेक्षकों को कोई बड़ी अनियमितता नहीं मिली थी.

एनएलडी उन दर्जनों पार्टियों में शामिल है, जिनके पास पिछले दशक में संसदीय सीटें थीं. सेना के 2021 के तख्तापलट और अपने विरोधियों पर कार्रवाई से ये दल बुरी तरह कमजोर हुए हैं. कई पार्टियां चुनाव लड़ने में असमर्थ या अनिच्छुक हैं. आलोचकों ने आगामी आम चुनाव को ढोंग करार दिया है. सू की समेत उनकी पार्टी के कई नेता इस समय जेल में बंद हैं.

वहीं, सू-की की पार्टी को भंग किए जाने के बाद संयुक्त राष्ट्र ने म्यांमार में लोकतंत्र की बहाली का आह्वान किया है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने म्यांमार के सैन्य शासकों से आंग सान सू-की को रिहा करने के लिए भी कहा. एनएलडी को भंग करने के पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यह लोकतंत्र की बहाली के खिलाफ एक और कदम है.





मुख्य समाचार

बीजेपी सांसद फांगनोन कोन्याक ने राहुल गांधी पर लगाए ये गंभीर आरोप

संसद में गुरुवार को हुए धक्का कांड पर आरोपों...

अब कोई भी प्राइवेट स्कूल नहीं बढ़ा सकते है फीस, ये है नियम

प्राइवेट स्कूल अक्सर अपनी मनमानी फीस को लेकर सुर्खियों...

देहरादून: सरकारी विभागों में स्थानीय उत्पादों की खरीद के आदेश जारी

देहरादून| राज्य सरकार के अधीन विभिन्न विभाग और सरकारी...

Topics

More

    अब कोई भी प्राइवेट स्कूल नहीं बढ़ा सकते है फीस, ये है नियम

    प्राइवेट स्कूल अक्सर अपनी मनमानी फीस को लेकर सुर्खियों...

    देहरादून: सरकारी विभागों में स्थानीय उत्पादों की खरीद के आदेश जारी

    देहरादून| राज्य सरकार के अधीन विभिन्न विभाग और सरकारी...

    Related Articles