बुधवार को केरल दौरे पर गए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मलप्पुरम ने कहा कि आज जो राजनीतिक प्रश्न पूछा जा रहा है वह है- भारत क्या है? अगर आप सावरकर जैसे लोगों को पढ़ेंगे तो वे कहेंगे कि भारत एक भूगोल है.
वे कलम लेते हैं, नक्शा खींचते हैं और कहते हैं कि यह भारत है; इस रेखा के बाहर यह भारत नहीं है और इस रेखा के अंदर यह भारत है. फिर एक सवाल उठता है कि क्या होता अगर यह नक्शा होता लेकिन इस क्षेत्र में रहने वाले लोग नहीं होते. क्या आप अभी भी यहां होंगे? बिल्कुल नहीं क्योंकि अगर इस क्षेत्र में लोग नहीं होते तो आप यह नहीं कहते कि यह भारत है.
उन्होंने कहा कि क्या होता है यदि कोई भारतीय व्यक्ति हवाई जहाज में चढ़कर अमेरिका चला जाता है, तो क्या वह भारतीय नहीं रहता? वह एक भारतीय रहता है. तो मेरे लिए भारत वो लोग हैं जो यहां रहते हैं.
राहुल ने कहा कि अगर वह भारतीयों के बीच संबंध तोड़ रहे हैं, तो वह भारत के विचार पर हमला कर रहे हैं. इसलिए मैं उनका विरोध करता हूं. और जिस तरह वह भारतीयों के बीच के रिश्ते को तोड़तें हैं, यह मेरा काम है, मेरा कर्तव्य है और भारत के लोगों के बीच सेतु का निर्माण करने की मेरी प्रतिबद्धता है.
हर बार जब वह 2 भारतीयों के बीच एक पुल को तोड़ने के लिए नफरत का इस्तेमाल करते हैं, तो मेरा काम उस पुल को फिर से बनाने के लिए प्यार का इस्तेमाल करना है, और यह न सिर्फ मेरा काम है बल्कि हमारा काम है. मैं इस देश में विभिन्न परंपराओं, विचारों, विभिन्न धर्मों, विभिन्न संस्कृतियों को समझे बिना एक पुल का निर्माण नहीं कर सकता.
वे कहते हैं कि भारत एक क्षेत्र है, हम कहते हैं कि भारत लोग हैं, रिश्ते हैं. यह हिंदू और मुस्लिम के बीच, हिंदू, मुस्लिम और सिख के बीच, तमिल, हिंदी, उर्दू, बंगाली के बीच का संबंध है. पीएम के साथ मेरी समस्या यह है कि वह इन रिश्तों को तोड़ रहे हैं.