पिछले सप्ताह कांग्रेस में उठा तूफान लग रहा था कि शांत हो जाएगा लेकिन हरीश रावत ने एक बार फिर से सोशल मीडिया पर अपनी ही पार्टी पर हमला बोला है. उन्होंने अपनी पीड़ा को ट्विटर हैंडल के जरिए लोगों के सामने रखा. जिससे एक बार फिर कांग्रेस में बगावती स्वर दिखने लगे हैं.
‘पूर्व सीएम रावत ने प्रदेश स्तर पर अपनी उपेक्षा के सारे मामले गिनाए और कहा कि पार्टी ने मुझे सामूहिकता के लायक नहीं समझा’. हरीश ने ट्वीट करके लिखा कि यह उसी दिन स्पष्ट हो गया था, जब प्रदेश कांग्रेस के नवनिर्वाचित सदस्यों व पदाधिकारीयों की पहली बैठक हुई थी.
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि उस बैठक में मंच पर मुझे जिंदाबाद बुलवाने के लायक नहीं समझा. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने संगठन को लेकर भी सवाल उठाया और कहा कि संगठन में कुछ नामों की संस्तुति को लेकर भी एआइसीसी का दरवाजा खटखटाना पड़ा.
उस समय सामूहिकता की बात क्यों नहीं की गई. पूर्व सीएम हरीश रावत ने लिखा कि पार्टी के आधिकारिक पोस्टरों में मेरा नाम और चेहरा नहीं था.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार