मुंबई सीपी संजय पांडे ने कहा है कि मुंबई पुलिस जल्द ही निलंबित बीजेपी प्रवक्ता नुपुर शर्मा को समन भेजेगी और ज्ञानवापी मुद्दे पर एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ उनकी कथित टिप्पणियों के संबंध में उनका बयान दर्ज करेगी.
मुंबई पुलिस ने नुपुर शर्मा के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए प्राथमिकी दर्ज की थी. पुलिस ने रजा अकादमी की शिकायत के आधार पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, दुश्मनी को बढ़ावा देने और सार्वजनिक शरारत करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी.
प्राथमिकी रजा अकादमी के मुंबई विंग के संयुक्त सचिव इरफान शेख के एक बयान के आधार पर दर्ज की गई थी. उनके बयान के अनुसार, उन्हें व्हाट्सएप पर ज्ञानवापी मुद्दे पर बहस से संबंधित एक लिंक मिला जिसमें नुपुर शर्मा ने भाग लिया था.
उन्होंने कहा कि पैगंबर और उनकी पत्नी पर शर्मा द्वारा की गई टिप्पणियों को देखकर वह आहत हुए हैं. इसके बाद पाइधोनी पुलिस से संपर्क किया और शर्मा के खिलाफ एक लिखित शिकायत दी और बहस के वीडियो का लिंक साझा किया.
वहीं भाजपा ने रविवार को अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपुर शर्मा को निलंबित कर दिया और दिल्ली के अपने मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को निष्कासित कर दिया था, क्योंकि पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ उनकी कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर कुछ मुस्लिम देशों की ओर से कड़ी आपत्ति जताए जाने के बाद से विरोध बढ़ गया था.
मुस्लिम संगठनों के प्रदर्शनों और कुवैत, कतर व ईरान जैसे देशों की तीखी प्रतिक्रिया के बीच भाजपा ने एक बयान जारी कर कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती है और किसी भी धर्म के पूजनीय लोगों के अपमान की कड़ी निंदा करती है.
इसके बाद नुपुर शर्मा ने रविवार को माफी मांगी और कहा कि वह बिना शर्त अपना बयान वापस लेती हैं. किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का उनका इरादा कभी नहीं था. नुपुर ने ट्विटर पर लिखा कि मैं पिछले कई दिनों से टीवी डिबेट पर जा रही थी, जहां रोजाना मेरे आराध्य शिवजी का अपमान किया जा रहा था.
मेरे सामने यह कहा था जा रहा था कि वो शिवलिंग नहीं फव्वारा है, दिल्ली के हर फुटपाथ पर बहुत शिवलिंग पाए जाते हैं, जाओ जा के पूजा कर लो. मेरे सामने बार-बार इस प्रकार से हमारे महादेव शिवजी के अपमान को मैं बर्दाश्त नहीं कर पाई और मैंने रोष में आके कुछ चीजें कह दीं.
अगर मेरे शब्दों से किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो मैं अपने शब्द वापस लेती हूं. मेरी मंशा किसी को कष्ट पहुंचाने की कभी नहीं थी.